आज इस आर्टिकल में हम आपको सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा की जीवनी – Satyendra Prasanno Sinha Biography Hindi के बारे में बताएगे।
सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा की जीवनी – Satyendra Prasanno Sinha Biography Hindi
(English – Satyendra Prasanno Sinha)सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा प्रसिद्ध भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे।
जिनका क़ानूनी कार्यकाल बेहद सफल रहा था। वे बंगाल के महाधिवक्ता भी बनाये गए थे।
वे ‘भारतीय संविधान’ में संशोधन के लिए मॉंटेग्यू-चेम्सफ़ोर्ड प्रस्तावों के आधार पर बने ‘भारत सरकार अधिनियम- 1919’ को ‘हाउस ऑफ़ लॉड्र्स’ में पारित करवाया।
उन्हे प्रथम महायुद्ध के बाद ‘लॉर्ड’ की उपाधि दी गई थी।
संक्षिप्त विवरण
नाम | सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा |
पूरा नाम, अन्य नाम |
सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा |
जन्म | 24 मार्च, 1863 ई |
जन्म स्थान | बीरभूम जिला, बंगाल |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु |
4 मार्च, 1928 |
मृत्यु स्थान |
बहरामपुर |
जन्म – सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा की जीवनी
सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा का जन्म 24 मार्च, 1863 ई. को ब्रिटिशकालीन बंगाल के बीरभूम ज़िले में हुआ था।
उनके पिता एक ज़मींदार थे।
उनका विवाह 15 मई, 1880 में गोबिनदा मोहिनी मित्तर के साथ हुआ था, जो वर्धमान की रहने वाली थीं।
शिक्षा
सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा ने प्रारम्भिक शिक्षा अपने गृह नगर से ही प्राप्त की थी।
इसके बाद ‘प्रेसीडेंसी कॉलेज’, कलकत्ता से छात्रवृत्ति प्राप्त की।
उन्हें लंदन के ‘लिंकंस इन’ के बार से आमंत्रण भी प्राप्त हुआ था।
करियर
- उन्होने 1907 में बंगाल के महाधिवक्ता नियुक्त होने वाले और गवर्नर-जनरल की कार्यकारिणी परिषद में नियुक्त होने वाले पहले भारतीय थे।
- परिषद मे 1909-1910 के दौरान उन्होंने विधि-सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं अर्पित कीं।
- सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा को 1914 में ‘नाइट’ की उपाधि प्रदान की गई थी।
- वर्ष 1915 में उन्होंने बंबई (वर्तमान मुंबई) में ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी’ के सत्र की अध्यक्षता की थी। इसके बाद ब्रिटेन के ‘इंपीरियल युद्ध मंत्रिमंडल’ में भी शामिल हुए।
- 1919 में वे भारत के अवर सचिव के रूप में लॉयड जॉर्ज मंत्रिमंडल में आए। उन्हें ‘रायपुर के बैरन सिन्हा’ के रूप में यश प्राप्ति हुई।
- सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा ने ‘भारतीय संविधान’ में संशोधन के लिए मॉंटेग्यू-चेम्सफ़ोर्ड प्रस्तावों के आधार पर बने ‘भारत सरकार अधिनियम- 1919’ को ‘हाउस ऑफ़ लॉड्र्स’ में पारित करवाया।
- वर्ष 1920 में उन्हें बिहार और उड़ीसा का गवर्नर नियुक्त किया गया था। ब्रिटिश शासन में इस पद पर आसीन होने वाले वह पहले भारतीय थे। ख़राब स्वास्थ्य के कारण उन्हें अगले वर्ष इस्तीफ़ा देना पड़ा।
- वर्ष 1926 में उन्हें ‘प्रिवी कौंसिल की न्यायिक समिति’ का सदस्य नियुक्त किया गया था।
मृत्यु – सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा की जीवनी
सत्येन्द्र प्रसन्नो सिन्हा की मृत्यु 4 मार्च, 1928 को बहरामपुर में हुई।
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