आज इस आर्टिकल में हम आपको चिदंबरम पिल्लई की जीवनी – Chidambaram Pillai Biography Hindi के बारे में बताएगे।
चिदंबरम पिल्लई की जीवनी – Chidambaram Pillai Biography Hindi
(English – Chidambaram Pillai)चिदंबरम पिल्लई तमिल भाषा के विद्वान् और प्रख्यात समाज-सुधारक थे।
प्रसिद्ध तमिल ग्रन्थ ‘तिरुकुरल’ पर उनका भाष्य बहुत प्रसिद्ध हुआ था।
‘बंग-भंग’ के विरुद्ध आंदोलन में चिदंबरम पिल्लई ने स्वदेशी का प्रचार-प्रसार किया
और लोगों को विदेशी सरकार के विरुद्ध प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ब्रिटिश सरकार ने चिदंबरम पिल्लई को देशद्रोही ठहराकर उन्हें आजीवन क़ैद की सज़ा सुनाई थी
संक्षिप्त विवरण
नाम | चिदंबरम पिल्लई |
पूरा नाम | चिदंबरम पिल्लई |
जन्म | 5 सितंबर, 1872 |
जन्म स्थान | तिरुनेल्वेली, तमिलनाडु |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म |
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जाति |
जन्म – चिदंबरम पिल्लई की जीवनी
चिदंबरम पिल्लई का जन्म 5 सितंबर 1872 ई. को तमिलनाडु के ‘तिरुनेल्वेली’ में हुआ था।
शिक्षा और करियर
Chidambaram Pillai ने 1895 ई. में क़ानून के स्नातक की और इसके बाद वे तूतीकोरन में वकालत करने लगे। फिर वे विजयराघवाचारी के प्रभाव से कांग्रेस में सम्मिलित हो गए। बंग-भंग के विरुद्ध आंदोलन में उन्होंने स्वदेशी का प्रचार किया और लोगों को विदेशी सरकार के विरुद्ध प्रेरित करते रहे।
जेल यात्रा
1907 ई. की सूरत की कांग्रेस के बाद जब दल में विभाजन हुआ तो, सरकार को तिलक सहित अनेक नेताओं और कार्यकर्त्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई का अवसर मिल गया। चिदंबरम पिल्लई भी राजद्रोह का अभियोग लगाकर गिरफ़्तार किए गए और उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई।
अपील करने पर हाईकोर्ट ने सज़ा को 6 वर्ष कर दिया था। जेल से छूटने पर उन्होंने ग़ैर ब्राह्मणों के संगठन ‘मद्रास प्रेसिडेंसी एसोसिएशन’ को आगे बढ़ाने में सक्रिय भाग लिया। 1920 ई. में जब कांग्रेस की बागडोर गाँधी जी के हाथों में आई तो, लोकमान्य तिलक के ये अनुयायी उनके विचारों से सहमत न होकर कांग्रेस से अलग हो गए।
मृत्यु
चिदंबरम पिल्लई की मृत्यु 3 नवंबर 1936 को हुआ था।
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