कमलेश तिवारी की जीवनी – Kamlesh Tiwari Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको कमलेश तिवारी की जीवनी – Kamlesh Tiwari Biography Hindi के बारे में बताएगे।

कमलेश तिवारी की जीवनी – Kamlesh Tiwari Biography Hindi

कमलेश तिवारी की जीवनी - Kamlesh Tiwari Biography Hindi

कमलेश तिवारी एक बड़े हिंदूवादी नेता थे।

ये पूर्व हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

18 अक्टूबर 2019 को तिवारी की लखनऊ में उनके कार्यालय-सह-निवास में दो अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी।

जन्म

कमलेश तिवारी  का जन्म 16 जनवरी 1969 को लखनऊ में हुआ था।

उनके पिता एक अध्यापक थे। वे दो भाई बहन थे।

शिक्षा

कमलेश तिवारी ने सरकारी इंस्टीट्यूट से पोस्ट ग्रेजुएट किया।

करियर – कमलेश तिवारी की जीवनी

कमलेश तिवारी एक बड़े हिंदूवादी नेता थे।

ये पूर्व हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रह चुके थे तथा लम्बे समय से राम मन्दिर निर्माण समिति के पक्षकार भी थे।

वर्ष  2017 में उन्होने हिन्दू समाज पार्टी के नाम से राजनैतिक दल का गठन किया।

विवाद

कमलेश तिवारी ने साल 2015 में मुसलमानों के पहले पैगम्बर मोहम्मद को समलैंगिक बताया था।

जिसके बाद से ही मुसलमानों ने उनका जमकर विरोध किया था और यह भी मांग की थी कि उन्हें फांसी की सजा दी जाए। वही दो मौलवी काजमी और हक ने 2016 में कमलेश तिवारी को मारने वाले को क्रमशः 51 लाख और 2. 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।

साल 2015 में जब सुप्रीम कोर्ट ने समलेंगिकता के कानून पर दोबारा विचार करने की बात कही थी तब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी सदस्यों को समलैंगिक बता दिया था। उन्होंने यह बात स्वयंसेवक संघ के सदस्यों के शादी ना करने की वजह से कही। इसके अगले ही दिन कमलेश तिवारी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए पैगम्बर मोहम्मद को दुनिया का पहला समलैंगिक बता दिया था।

इस बयान के बाद कमलेश तिवारी को दिसंबर 2015 में गिरफ्तार कर लिया गया था।

कमलेश तिवारी के पैगम्बर मुहम्मद को समलैंगिक बताने के बाद कई मुस्लिम समुदाय के लोगो ने कमलेश तिवारी को फाँसी की सजा देने की मांग की थी।

जनवरी 2016 में कालियाचक में अलग अलग मुस्लिम समुदाय के 2 लाख से भी अधिक लोग शामिल हुए।

लेकिन यह रैली हिंसक हो गई और रैली में शामिल असामाजिक तत्वों ने कालियाचक पुलिस स्टेशन, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिस और सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की। जब पुलिस ने लोगो को रोकने की कोशिश की तो दंगा और अधिक भड़क गया और लोगो ने शनि मंदिर, दुर्गा मंदिर और अन्य हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया था।

हत्या – कमलेश तिवारी की जीवनी

18 अक्टूबर 2019 को, तिवारी की लखनऊ में उनके कार्यालय-सह-निवास में दो अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जब दो लोग दिवाली के लिए सूरत के पते के साथ उन्हें मिठाई का डिब्बा देने आए थे।

तिवारी के सहयोगी सौराष्ट्रजीत सिंह को उनके लिए सिगरेट लाने के लिए भेजा गया था।

19 अक्टूबर 2019 तक, तिवारी की हत्या में शामिल छह आरोपियों को सूरत पुलिस, गुजरात एटीएस और यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया।

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