आज इस आर्टिकल में हम आपको मनोज कुमार की जीवनी – Manoj Kumar Biography Hindi के बारे में बताएगे।
मनोज कुमार की जीवनी – Manoj Kumar Biography Hindi
Manoj Kumar फिल्म जगत् के प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, निर्माता व निर्देशक हैं। उन्हे 1965 में आई फिल्म शहीद से पहचान मिली।
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान पर फिल्म बनाने का आग्रह किया तो उपकार फिल्म बनाई।
उन्होने वो कौन थी, हिमालय की गुड में, गुमनाम जैसी कुछ बहेतरीन फिल्में रही।
1992 में उन्हे पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
2016 में उन्हे भारत सरकार द्वारा दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित।
जन्म
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 में पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था।
उनका वास्तविक नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी है।
इसके अलावा उन्हे भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता है।
उनके पिता का नाम एच.एल. गोस्वामी तथा उनकी माता का नाम कृष्णा कुमारी गोस्वामी है।
मनोज कुमार के एक भाई और उनकी एक बहन है जिनका नाम राजीव गोस्वामी, नीलम गोस्वामी है।
उनकी पत्नी का नाम शशि गोस्वामी है।
उनके 2 बेटे है जिनका नाम विशाल गोस्वामी और कुणाल गोस्वामी है।
हाइट और वजन
- मनोज कुमार की हाइट 5 फिट 10 इंच है।
- उनका वजन लगभग 85 कि० ग्रा० है।
शिक्षा
Manoj Kumar ने हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने फ़िल्म उद्योग में प्रवेश करने का फैसला किया।
करियर – मनोज कुमार की जीवनी
मनोज कुमार का अभिनय करियर वर्ष 1957 की फ़िल्म फ़ैशन से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने एक 80 वर्षीय व्यक्ति की भूमिका निभाई थी। उन्हे 1965 में आई फिल्म शहीद से पहचान मिली। उन्होंने अधिकतर देशभक्ति फिल्मों में अभिनय किया। 1965 की फिल्म शहीद के बाद मनोज कुमार की छवि एक देशभक्त के रूप में स्थापित हो गई।
यह फिल्म स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के जीवन पर आधारित थी। वो एक फिल्म निर्माता एवं निर्देशक भी थे।965 में भारत-पाक युद्ध के बाद, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें एक लोकप्रिय नारा “जय जवान जय किसान” के आधार पर एक फिल्म बनाने के लिए कहा।
जिसके चलते उन्होंने वर्ष 1967 में “उपकार” फिल्म को निर्देशित किया, जिसमें उन्होंने एक सैनिक और एक किसान की भूमिका निभाई थी।
Manoj Kumar की फिल्मों में ‘हरियाली और रास्ता’ (1962), ‘वो कौन थी’ (1964), ‘शहीद’ (1965), ‘हिमालय की गोद में’ (1965), ‘गुमनाम’ (1965), ‘पत्थर के सनम’ (1967), ‘उपकार’ (1967), ‘पूरब और पश्चिम’ (1969), ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974), ‘क्रांति प्रमुख हैं।
फिल्में
बतौर अभिनेता | बतौर लेखक | ||||
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वर्ष | फ़िल्म | वर्ष | फ़िल्म | वर्ष | फ़िल्म |
1995 | मैदान-ए-जंग | 1999 | जय हिन्द | 1967 | उपकार |
1989 | देशवासी | 1989 | संतोष | 1989 | क्लर्क |
1987 | कलयुग और रामायण | 1981 | क्रांति | 1987 | कलयुग और रामायण |
1979 | जाट पंजाबी | 1977 | शिरडी के साईं बाबा | 1981 | क्रांति |
1977 | अमानत | 1976 | दस नम्बरी | 1974 | रोटी कपड़ा और मकान |
1975 | संन्यासी | 1974 | रोटी कपड़ा और मकान | 1999 | जय हिन्द |
1972 | बेईमान | 1972 | शोर | 1972 | शोर |
1970 | मेरा नाम जोकर | 1970 | पूरब और पश्चिम | 1970 | मेरा नाम जोकर |
1970 | यादगार | 1970 | पहचान | 1970 | पूरब और पश्चिम |
1969 | साजन | 1968 | नीलकमल | 1970 | यादगार |
1968 | आदमी | 1967 | अनीता | बतौर निर्माता | |
1967 | उपकार | 1967 | पत्थर के सनम | 1999 | जय हिन्द |
1966 | दो बदन | 1966 | पिकनिक | 1989 | क्लर्क |
1966 | सावन की घटा | 1965 | हिमालय की गोद में | 1983 | पेंटर बाबू |
1965 | पूनम की रात | 1965 | शहीद | 1981 | क्रांति |
1965 | बेदाग़ | 1965 | गुमनाम | 1974 | रोटी कपड़ा और मकान |
1964 | वो कौन थी | 1964 | अपने हुए पराये | 1972 | शोर |
1964 | फूलों की सेज | 1963 | घर बसा के देखो | 1970 | पूरब और पश्चिम |
1963 | गृहस्थी | 1962 | हरियाली और रास्ता | बतौर निर्देशक | |
1962 | माँ बेटा | 1962 | अपना बना के देखो | 1999 | जय हिन्द |
1962 | बनारसी ठग | 1962 | डॉक्टर विद्या | 1989 | क्लर्क |
1962 | नकली नवाब | 1962 | शादी | 1981 | क्रांति |
1961 | सुहाग सिन्दूर | 1961 | काँच की गुड़िया | 1974 | रोटी कपड़ा और मकान |
1961 | रेशमी रूमाल | 1960 | हनीमून | 1972 | शोर |
1958 | पंचायत | 1958 | सहारा | 1970 | पूरब और पश्चिम |
1957 | फैशन | 1967 | उपकार |
पुरस्कार
- 1992 में उन्हे पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
- फिल्म ‘उपकार’ के लिए मनोज कुमार को नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था।
- 1968- फ़िल्म ‘उपकार’ के लिए सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ कथा और सर्वश्रेष्ठ संवाद श्रेणी में फ़िल्मफेयर पुरस्कार
- उन्हे 1972 में फ़िल्म ‘बेईमान’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया।
- फ़िल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के लिए 1975 में उन्हे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फ़िल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 1999 में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया।
- Manoj Kumar को 2008 मेंं मध्य प्रदेश सरकार ने किशोर कुमार सम्मान से सम्मानित किया।
- 2016 में उन्हे फिल्म जगत में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा मनोज कुमार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विवाद – मनोज कुमार की जीवनी
2007 में Manoj Kumar तब सुर्ख़ियों में आए जब फिल्म ओम शांति ओम में उनकी छवि का मजाक उड़ाया गया था। तब मनोज कुमार ने फिल्म के निर्माता शाहरुख़ खान और निर्देशक फ़राह खान पर मानहानि का केस दर्ज किया।
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