पद्मजा नायडू की जीवनी – Padmaja Naidu Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको पद्मजा नायडू की जीवनी – Padmaja Naidu Biography Hindi के बारे में बताएगे।

पद्मजा नायडू की जीवनी – Padmaja Naidu Biography Hindi

पद्मजा नायडू की जीवनी
पद्मजा नायडू की जीवनी

(English – Padmaja Naidu) पद्मजा नायडू स्वतंत्रता सेनानी तथा पश्चिम बंगाल की प्रथम महिला राज्यपाल थी।

वे प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ श्रीमती सरोजिनी नायडू की पुत्री थीं।

पद्मजा नायडू  ने लोगों को विदेशी सामानके बहिष्कार और खादी अपनाने के लिए प्रेरित किया।

उन्होने भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जिसके कारण उन्हे जेल भी जाना पड़ा। 1950 में वे सांसद चुनी गई।

1956 में बंगाल की राज्यपाल बनी। 1962 में पद्मजा नायडू को पद्म विभूषण सम्मान प्रदान किया गया।

संक्षिप्त विवरण

 

नाम पद्मजा नायडू
पूरा नाम पद्मजा नायडू
जन्म  17 नवंबर, 1900
जन्म स्थान
पिता का नाम डॉ. एम. गोविंदराजलु नायडू
माता का नाम सरोजिनी नायडू
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति

जन्म – पद्मजा नायडू की जीवनी

पद्मजा नायडू का जन्म 17 नवंबर, 1900 में हुआ था।

उनके पिता का नाम डॉ. एम. गोविंदराजलु नायडू तथा उनकी माता का नाम सरोजिनी नायडू जोकि सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत देश के सर्वोत्तम राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं। पद्मजा पर अपनी देशभक्त माँ का काफ़ी असर था।

करियर

मात्र 21 वर्ष की आयु में ही पद्मजा नायडू राष्ट्रीय क्षितिज पर उभर चुकी थीं।

कुछ ही समय बाद वे हैदराबाद में ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की संयुक्त संस्थापिका बनीं।

पद्मजा नायडू ने विदेशी सामानों के बहिष्कार करने और खादी को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने का संदेश दिया और समर्पित अभियान में शामिल हुईं।वर्ष 1942 में जब महात्मा गाँधी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ शुरू किया, तब उस आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा।भारत की आज़ादी के बाद वह संसद की सदस्य बनीं और बाद में पश्चिम बंगाल की पहली महिला राज्यपाल बनायी गयीं।लगभग 50 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में पद्मजा नायडू रेडक्रास से भी जुड़ी रहीं और 1971 से 1972 तक वे इसकी अध्यक्ष भी रहीं।

पुरस्कार

पद्मजा नायडू को सन 1962 में ‘भारत सरकार’ के सर्वोच्च दूसरे नागरिक पुरस्कार ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्र के लिए उनकी सेवाएं विशेष रूप से उनका मानवीय दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाएगा।
सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा अपनी माँ की ही तरह देश के लिए समर्पित थीं।

निधन – पद्मजा नायडू की जीवनी

पद्मजा नायडू का निधन 2 मई 1975 को हुआ।

उनके नाम पर दार्जिलिंग में ‘पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान’ है।

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