प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी – Professor Prem Kumar Dhumal Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी – Professor Prem Kumar Dhumal Biography Hindi के बारे में बताएगे।

प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी – Professor Prem Kumar Dhumal Biography Hindi

प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी
प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी

Professor Prem Kumar Dhumal हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री है। वे दो बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके है।

वे राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की हमीरपुर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।

प्रेम कुमार धूमल 1989 में पहली बार लोकसभा पहुंचे, उन्होंने हमीरपुर सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज की।

इसके बाद वो 1998 और 2003 में विधानसभआ चुनाव जीते।

2007 में भी उन्होंने विधानसभा का चुनाव जीत दर्ज की।

जबकि धूमल ने जब पहलीबार 1984 लोकसभा चुनाव लड़े थे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इसके अलावा 1996 के लोकसभा चुनावों में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

जन्म

प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल, 1944 को गांव समीरपुर जिला हमीरपुर में हुआ था।

प्रेम सिंह धूमल की शादी शीला से हुई जिनसे उन्हे दो बेटे हैं- अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर।

अनुराग ठाकुर राजनीति में काफी सक्रिय हैं। वे बीसीसीआई के चेयरमैन भी रह चुके हैं।

इसके अलावा मौजूदा समय में हमीरपुर लोकसभा से सांसद हैं।

अनुराज बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान भी संभाल चुके हैं।

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शिक्षा – प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी

प्रेम कुमार धूमल की प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल भगवाड़ा में हुई और मैट्रिक डीएवी हाई स्कूल टौणी देवी, जिला हमीरपुर से की थी। 1970 में उन्होंने दोआबा कालेज, जालंधर में एमए इंग्लिश में प्रथम श्रेणी से पूरी की। प्

रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने पंजाब, विश्वविद्यालय (जालंधर) में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे दोआबा कालेज जालंधर चले गए। नौकरी करते हुए इन्होंने एलएलबी किया।

करियर

  • 1984 में उन्होंने संसदीय चुनावों में भाग लिया और पराजित हुए, लेकिन वे 1989 में विजयी हुए।
  • 1991 में दोबारा हमीरपुर की लोकसभा सीट से विजयी हुए और हिमाचल प्रदेश की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष बने।
  • 1996 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
  • इसके बाद वे फिर से 1998 के विधानसभा चुनावों में बमसन क्षेत्र से जीतकर प्रदेश में भाजपा-हिविंका गठबंधन के मार्च 1998 से मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे।
  • दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक वे मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे।
  • वे दो बार मुख्यमंत्री पद रहे।

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