राहत इंदौरी की जीवनी – Rahat Indori Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको राहत इंदौरी की जीवनी – Rahat Indori Biography Hindi के बारे में बताएगे।

राहत इंदौरी की जीवनी – Rahat Indori Biography Hindi

राहत इंदौरी की जीवनी
राहत इंदौरी की जीवनी

(English – Rahat Indori)राहत इंदौरी सुप्रसिद्ध शायर और गीतकार  है।

उन्होने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 मेन स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

1975 में भोपाल के बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में एमए किया।

इसके बाद भुज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की।

उन्होने महज 19 वर्ष की उम्र में उन्होने शेर पेश करने शुरू कर दिये थे।

देश – विदेश में उनकी शायरी के बहुत से मुरीद है।

उन्होने फिल्मी गीत भी लिखे है। इनमें खुद्दार, सर, मुन्नाभाई एमबीएस सहित कई फिल्में शामिल है।

जन्म – राहत इंदौरी की जीवनी

Rahat Indori  का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम रफ्तुल्लाह कुरैशी  जोकि कपड़ा मिल के कर्मचारी थे उनकी माता का नाम मकबूल उन निशा बेगम था।

उन्होने दो बार शादी की। उनकी पत्नियों के नाम अंजुम रहबर (1988-1993), सीमा राहत है। उनके बच्चों के नाम बेटों का नाम फ़ैसल राहत, सतलज़ राहत तथा उनकी बेटीका नाम शिब्ली इरफ़ान है।

शिक्षा

उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। तत्पश्चात 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

करियर

राहत इंदौरी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं। उन्होने महज 19 वर्ष की उम्र में उन्होने शेर पेश करने शुरू कर दिये थे। देश – विदेश में उनकी शायरी के बहुत से मुरीद है।

शायर – राहत इंदौरी की जीवनी

राहत इंदौरी की शायरी का अंदाज़ बहुत ही दिलकश होता है। वे अपनी लोकप्रियता के लिये कोई ऐसा सरल रास्ता नहीं चुनते जो शायरी की इज़्ज़त को कम करता हो। राहत जब ग़ज़ल पढ़ रहे होते हैं तो उन्हें देखना और सुनना दोनों एक अनुभव से गुज़रना है। राहत के भीतर का एक और राहत इस वक़्त महफ़िल में नमूदार होता है और वह एक तिलिस्म सा छा जाता है।

राहत मुशायरों के ऐसे हरफनमौला हैं जिन्हें आप किसी भी क्रम पर खिला लें, वे बाज़ी मार ही लेते हैं। उनका माईक पर होना ज़िन्दगी का होना होता है। यह अहसास सुनने वाले को बार-बार मिलता है कि राहत रूबरू हैं और अच्छी शायरी सिर्फ़ और सिर्फ़ इस वक़्त सुनी जा रही है।

प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत

  • आज हमने दिल का हर किस्सा (फ़िल्म- सर)
  • तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है (फ़िल्म- खुद्दार)
  • खत लिखना हमें खत लिखना (फ़िल्म- खुद्दार)
  • रात क्या मांगे एक सितारा (फ़िल्म- खुद्दार)
  • दिल को हज़ार बार रोका (फ़िल्म- मर्डर)
  • एम बोले तो मैं मास्टर (फ़िल्म- मुन्नाभाई एमबीबीएस)
  • धुंआ धुंआ (फ़िल्म- मिशन कश्मीर)
  • ये रिश्ता क्या कहलाता है (फ़िल्म- मीनाक्षी)
  • चोरी-चोरी जब नज़रें मिलीं (फ़िल्म- करीब)
  • देखो-देखो जानम हम दिल (फ़िल्म- इश्क़)
  • नींद चुरायी मेरी (फ़िल्म- इश्क़)
  • मुर्शिदा (फ़िल्म – बेगम जान)

प्रसिद्ध ग़ज़ल

अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है

लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है

मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है

हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है

जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है

सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है

मृत्यु – राहत इंदौरी की जीवनी

Rahat Indori की मृत्यु 11 अगस्त 2020 को इंदौर के निजी अस्पताल में हुई। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी।

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