आज इस आर्टिकल में हम आपको सीमा समृद्धि कुशवाहा की जीवनी – Seema Samruddhi Kushwaha Biography Hindi के बारे में बताएगे।
सीमा समृद्धि कुशवाहा की जीवनी – Seema Samruddhi Kushwaha Biography Hindi
(English – Seema Samruddhi Kushwaha)सीमा समृद्धि कुशवाहा भारतीय वकील और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता है।
जिन्होने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले का केश लड़ा।
22 जनवरी 2020 को इस मामले से जुड़े हुए सभी दोषियों को फांसी की सजा
दी जानी थी लेकिन इसको कई बार टाला जा चुका है
और दोषी कई बार अपनी सजा को माफ करवाने की अपील कर चुके है।
संक्षिप्त विवरण
नाम | सीमा |
पूरा नाम | सीमा समृद्धि कुशवाहा |
जन्म | – |
जन्म स्थान | – |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | – |
जाति | राजपूत |
जन्म
Seema Samruddhi Kushwaha भारत के एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता है।
इसके साथ ही वे निर्भया ज्योति ट्रस्ट में कानूनी सलाहकार भी है।
उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।
वे दिसंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में शामिल हुई।
सीमा कुशवाहा 24 जनवरी 2014 को निर्भया ज्योति ट्रस्ट से जुड़ी।
मामला – सीमा समृद्धि कुशवाहा की जीवनी
नई दिल्ली में अपने पुरुष दोस्त के साथ बस में सफर कर रही निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात में बस के निर्वाहक, मार्जक व उसके अन्य साथियों द्वारा पहले भद्दी-भद्दी फब्तियाँ कसी गयीं और जब उन दोनों ने इसका विरोध किया तो उन्हें बुरी तरह पीटा गया।
जब उसका पुरुष दोस्त बेहोश हो गया तो उस युवती के साथ उन ने बलात्कार करने की कोशिश की।
उस युवती ने उनका विरोध किया लेकिन जब वह संघर्ष करते-करते थक गयी तो उन्होंने पहले तो उससे बेहोशी की हालत में बलात्कार करने की कोशिश की परन्तु सफल न होने पर उसके यौनांग में व्हील जैक की रॉड घुसाकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
बाद में वे सभी उन दोनों को एक निर्जन स्थान पर बस से नीचे फेंककर भाग गये।
किसी तरह उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। वहाँ बलात्कृत युवती की शल्य चिकित्सा की गयी।
लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार न होता देख उसे 26 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया जहाँ उस युवती की 29 दिसंबर 2012 को मौत हो गई।
30 दिसंबर 2012 को दिल्ली लाकर पुलिस की सुरक्षा में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कब और क्या हुआ ?
16 दिसंबर, 2012
दिल्ली के मुनिरका इलाके में चलती बस में निर्भया से छह लोगों ने गैंगरेप किया। रेप पीड़िता और उसके साथी को चलती बस से फेंक दिया गया था, जिससे दोनों को गंभीर चोट लगी।
29 दिसंबर 2012
देशभर में लोगों के गुस्से को देखते हुए पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल में भेज दिया गया। वहां इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई।
11 मार्च, 2013
मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी राम सिंह ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली।
31 अगस्त, 2013
मामले में छह आरोपियों में से एक नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट से तीन साल की सजा सुनाई गई।
13 सितंबर, 2013
साकेत कोर्ट ने शेष चारों दोषियों को मौत की सजा सुना दी। हालांकि, आरोपियों ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की। 2013 सितंबर में ट्रायल कोर्ट ने चारों को फांसी की सजा सुनाई गई।
13 मार्च, 2014
मामला दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा तो सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने भी फांसी की सजा बरकरार रखी। 2014 मार्च में हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले की पुष्टि की।
5 मई, 2017
न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपियों ने हाई कोर्ट से भी फांसी की सजा मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां से इन बलात्कारियों को मायूसी ही मिली और ने फांसी की सजा पर मुहर लगाई गई। 2017 मई में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी गई।
9 जुलाई, 2018
इसके बाद इन चारों ने पुनर्विचार याचिका दायिर की। हालांकि, यह याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।
6 नवंबर, 2019
एक अन्य दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दाखिल की।
1 दिसंबर, 2019
दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय से याचिका खारिज की सिफारिश की।
6 दिसंबर, 2019
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से जघन्य अपराध के दोषियों की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की।
7 जनवरी 2020
वीडियो कांफेंसिंग से पेश कर दोषियों के सामने ही उन्हे 22 जनवरी 2020 को इस मामले से जुड़े हुए सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जानी थी लेकिन इसको कई बार टाला जा चुका है और दोषी कई बार अपनी सजा को माफ करवाने की अपील कर चुके है।
20 मार्च 2020
2012 को हुए निर्भया गैंगरेप मामले के चारों अभियुक्तों को 20 मार्च को फांसी दे दी गई। फांसी के बाद निर्भया की मां ने इसे न्याय की जीत बताया। दिल्ली के तिहाड़ जेल में सवेरे 5.30 बजे चारों को फांसी हुई जिसके बाद तिहाड़ जेल के निदेशक संदीप गोयल ने चारों की जांच कर उन्हें मृत घोषित किया.
सजा
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में दिल्ली की आदालत ने 7 जनवरी 2020 को चारों दोषियों के खिलाफ देथ वारंट जारी कर दिये गए है। चारों दोषियों को 22 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी थी लेकिन उसे टाल दिया गया।
तीन बार टल चुका था डेथ वारंट
7 जनवरी 2020 को पहली बार पटियाला हाउस अदालत ने डेथ वारंट जारी किया जिसमे 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी।
14 जनवरी को मुकेश डेथ वारंट के खिलाफ है कोर्ट गया और दया याचिका दायर नहीं होने का हवाला दिया।
16 जनवरी पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगा दी। क्योंकि मुकेश ने दया याचिका नहीं की थी।
17 जनवरी को दूसरा डेथ वारंट जारी किया गया जिसमे 11 फरवरी का दिन फांसी के लिए तय किया गया।
23 जनवरी को मामले की सुनवाई कर रहे जज का तबादला हो गया।
30 जनवरी को दोषियों के कानूनी उपचार बचे होने के कारण डेथ वारंट टल गया। मामले मेन है कोर्ट ने निर्देश दिया की सभी 11 फरवरी तक सभी कानूनी उपचार का इस्तेमाल कर लें।
17 फरवरी को तीसरा डेथ वारंट जारी किया गया जिसमें फांसी की तारीख 3 मार्च तय की गई।
1 मार्च को मुकेश ने दूसरी दया याचिका दायर कर दी और दलील दी की पहली याचिका में पूरे तथ्य नहीं थे। इस आधार पर डेथ वारंट टीएल गया।
5 मार्च को चौथा डेथ वारंट जारी हुआ हुआ जिसमें फांसी की सजा 20 मार्च की सुबह साढ़े 5 बजे तय की गई।
12 मार्च को विनय ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अर्जी दायर की की पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की । इस मामले में कार्रवाई की जाए।
17 मार्च को अक्षय की पत्नी ने औरंगाबाद की अदालत में अर्जी दायर कर तलाक मांगा।
18 मार्च को चौथा डेथ वारंट टालने के लिए अर्जी दायर की गई।
19 मार्च को अदालत ने डेथ वारंट टालने से इंकार कर दिया और अर्जी खारिज कर दी
20 मार्च 2020 को साढ़े 5 बजे उन्हे फांसी दी गई।
दोषियों के नाम – सीमा समृद्धि कुशवाहा की जीवनी
- मुकेश ( 32 वर्ष)
- पवन गुप्ता (25 वर्ष)
- विनय शर्मा (26 वर्ष)
- अक्षय कुमार (31 वर्ष)
- राम सिंह ( मौत हो चुकी है उसने 11 मार्च 2013 को तिहाड़ जेल संख्या -3 में खुदखुशी कर ली थी)
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Excellent job done by Sima Jee
Proud of u
Excellent Job Done By Seema Ji, I hope you will continue your fight in such cases in future also. Now I am proud to say that woman are super power than man. A layer like A.K.Singh ,he put his all efforts to save four culprits but best efforts of Seema Ji, could able to save pride of womens.
Stay Blessed
Thanks
S.K.Sharma
9540134402