आज इस आर्टिकल में हम आपको सुजीत कुमार की जीवनी – Sujit Kumar Biography Hindi के बारे में बताएगे।
सुजीत कुमार की जीवनी – Sujit Kumar Biography Hindi
(English – Sujit Kumar)सुजीत कुमार भोजपुरी और हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता थे।
हिन्दी की अधिकांश फ़िल्मों में उन्होंने खलनायक का चरित्र निभाया था।
60 से 70 के दशक में भोजपुरी फ़िल्मों की नैया डूबने वाली थी,
उस वक्त भोजपुरी फ़िल्मों में सुजीत ने संजीवनी फूंकने का काम किया और बस तब
से उनका जादू ऐसा चला कि वे बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बन गये थे।
संक्षिप्त विवरण
नाम | सुजीत कुमार |
पूरा नाम,अन्य नाम |
सुजीत कुमार |
जन्म | 7 फ़रवरी, 1934 |
जन्म स्थान | बनारस, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु |
5 फरवरी, 2010 |
मृत्यु स्थान |
मुम्बई, महाराष्ट्र |
जन्म – सुजीत कुमार की जीवनी
सुजीत कुमार का जन्म 7 फरवरी 1934 को बनारस, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
फिल्मी करियर
Sujit Kumar के फिल्मी करियर के शुरुआती दौर की बात की जाए तो सुजीत को फ़िल्मों में जाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। बात उस वक्त की है, जब सुजीत लॉ की पढ़ाई कर रहे थे और उन्होंने एक नाटक में हिस्सा लिया था।
सौभाग्य की बात ये रही कि उस नाटक प्रतियोगिता में जज थे फणि मजुमदार साहब, जो कि जाने माने निर्माता रहे हैं। फणि जी ने उन्हें नाटक का श्रेष्ठ अभिनेता करार दिया और कहा कि- “तुम फ़िल्मों में कोशिश क्यों नहीं करते?” इस एक वाक्य ने सुजीत कुमार का रुझान फ़िल्मों की तरफ कर दिया।
पहली फिल्म ‘दूर गगन की छांव में’ किशोर कुमार ने सुजीत को अवसर दिया। लेकिन सफलता पाने के लिए सुनीत कुमार को ‘अराधना’ का इंतजार करना पड़ा। सुजीत कुमार राजेश खन्ना के ऑन-स्क्रीन साथी थे। ‘हाथी मेरा साथी’, ‘अमर प्रेम’, ‘महबूबा’, ‘रोटी’ जैसी फ़िल्मों में दोनों के साथ को खूब सराहा गया।
राजेश खन्ना के अलावा सुजीत कुमार अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र जैसे चोटी के अभिनेताओं के साथ भी अनेक बार नज़र आए। अमिताभ की ‘द ग्रेट गैम्बलर’, ‘अदालत’ एवं धर्मेन्द्र की ‘जुगनु’, ‘धर्मवीर’, ‘चरस’, ‘ड्रीम गर्ल’ और ‘आँखेंं’ जैसी फ़िल्मों में उन्हें काफ़ी पसंद किया गया।
फिल्में – सुजीत कुमार की जीवनी
हिन्दी फिल्में
आराधना | हाथी मेरे साथी | अमर प्रेम |
महबूबा | आँखें | अदालत |
जुगनु | धर्मवीर | चरस |
ड्रीम गर्ल |
भोजपुरी फिल्में
- गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो
- दंगल
- पान खाए सैयां हमार
- गंगा कहे पुकार के
- सजनवा बैरी भइले हमार
भोजपुरी के पहले सुपरस्टार
हिन्दी फ़िल्मों में भले ही सुजीत कुमार जम चुके थे, लेकिन उनकी आत्मा तो भोजपुरी में बसती थी। अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति अपने उत्तरदायित्व को पूरा करने के लिए उन्होंने भोजपुरी फ़िल्मों का भी रुख किया।
भोजपुरी की पहली फिल्म “गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो” में अभिनेत्री कुमकुम की जिद की वजह से उनकी जगह असीम कुमार को हीरो बनाया गया था; लेकिन सुजीत कुमार ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाया और भोजपुरी की फ़िल्मी धारा को मजबूती देने में लगे रहे। 1977 में भोजपुरी की पहली रंगीन फिल्म “दंगल” के वे हीरो थे। फ़िल्म ‘दंगल’ ने भोजपुरी सिनेमा की डूबती हुई कश्ती का बेड़ा पार लगाया। फ़िल्म की बॉक्स ऑफ़िस पर सफ़लता ने भोजपुरी को नया जीवन दिया।
सुजीत कुमार के अभिनय का जलवा भोजपुरी फ़िल्मों में कुछ इस कदर बिखरा कि उन्हें भोजपुरी फ़िल्मों का पहला सुपरस्टार ही कहा जाने लगा। उनकी फिल्में भारत में ही नहीं अपितु मॉरीशस , गुयाना, फ़िजी, सूरीनाम आदि देशों में भी काफ़ी लोकप्रिय रहीं।
‘दंगल’ के बाद उन्होंने ‘लोहा सिंह’, ‘पान खाए सैयां हमार’, ‘गंगा कहे पुकार के’ और ‘सजनवा बैरी भइले हमार’ जैसी दर्जनों कामयाब फ़िल्मों में काम किया। 1983 में उन्होंने ‘पान खाए सैयां हमार’ का निर्माण और निर्देशन किया, जिसमें अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी मेहमान कलाकार की भूमिका में थी।
इस तरह भोजपुरी फ़िल्मों में स्टार संस्कृति लाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। 90 के दशक तक आते-आते भोजपुरी सिनेमा भेड़चाल का शिकार हो चुका था। हताश होकर सुजीत कुमार ने इस तरह की फ़िल्मों से किनारा कर लिया
मृत्यु – सुजीत कुमार की जीवनी
सुजीत कुमार की मृत्यु 75 वर्ष की आयु में 5 फरवरी, 2010 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुई।
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