आज इस आर्टिकल में हम आपको सुषमा स्वराज की जीवनी – Sushma Swaraj Biography Hindi के बारे में बताएंगे।
सुषमा स्वराज की जीवनी – Sushma Swaraj Biography Hindi
सुषमा स्वराज एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और पूर्व विदेश मंत्री थी ।
उन्होंने राजनीति में अपनी शुरुआत 1970 में छात्र नेता के रूप में की।
उन्होने आपातकाल के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया।
उन्होंने हरियाणा में महज 27 साल की उम्र में जनता पार्टी राज्य अध्यक्ष का पद संभाला था।
सुषमा स्वराज ने महज 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया था।
सुषमा स्वराज 15वें लोकसभा में विपक्ष के नेता रही। 1977 से 1982 और 1987 से 1999 के दौरान दो बार हरियाणा से और 1998 में एक बार दिल्ली से विधायक बनी।
अक्टूबर 1998 में उन्होंने दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का पद संभाला।
जन्म
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा राज्य की अंबाला छावनी में हुआ था।
उनके पिता का नाम हरदेव शर्मा तथा उनकी माता का नाम लक्ष्मी देवी था।
हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। सुषमा स्वराज का शादी से पहले नाम सुषमा शर्मा थाl
सुषमा ने 13 जुलाई 1975 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से विवाह किया।
कौशल 1990 में देश के सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने थे।
वे 1998 से 2000 तक संसद सदस्य भी रहे ।
उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम बांसुरी है, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है।
शिक्षा
सुषमा स्वराज ने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों से एसडी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
सुषमा स्वराज ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के कानून विभाग से एलएलबी की डिग्री हासिल की।
उन्होंने अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार भी प्राप्त किया।
सुषमा अतिरिक्त पाठ्यचर्या गतिविधियों में काफी निपुण थी।
उनकी रुचि शास्त्रीय संगीत, कविता, ललित कला और नाटक में भी थी । उन्हे कविता और साहित्य पढ़ना भी काफी अच्छा लगता था।
सुषमा स्वराज को लगातार 3 वर्षों तक एसडी कॉलेज के एनसीसी का सर्वश्रेष्ठ सैनिक छात्रा घोषित किया गया। हरियाणा के भाषा विभाग द्वारा आयोजित एक राज्य सत्रीय प्रतियोगिता में उन्हें लगातार 3 वर्षों तक सर्वश्रेष्ठ हिंदी वक्ता पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
करियर – सुषमा स्वराज की जीवनी
1970 से 1989 तक
नई पीढ़ी के नेता माने जाने वाली सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में अपनी शुरुआत 1970 में छात्र नेता के रूप में की थी। उन्होने आपातकाल के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने हरियाणा में महज 27 साल की उम्र में ही जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष का पद संभाला। सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल सोशलिस्ट नेता जॉर्ज फर्नांडिस के बेहद करीबी थे। यही वजह रही होगी कि वह 1975 में उनकी टीम का हिस्सा बन गई थी। आपातकाल कि समाप्ति के बाद वह जनता पार्टी की सदस्य बनी।
1977 में उन्होंने हरियाणा के अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। इतना ही नहीं चौधरी देवी लाल की सरकार में 1977 से 1979 के बीच राज्य के श्रम मंत्री भी रही। उन्होने महज 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने का उन्होंने रिकॉर्ड भी बनाया था। सुषमा स्वराज सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनने वाली पहली महिला थी उस समय उनकी आयु 25 वर्ष के थी। 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उन्होंने 13 दिन 13 महीने की सरकार के दौरान उन्होंने सूचना केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था। सुषमा स्वराज 15वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता रही।
गृह सीट आरक्षित होने के कारण उन्होंने संसद में जाने के लिए करनाल से 3 चुनाव लड़े, लेकिन रह नहीं खुल पाई। वर्ष 1984 में करनाल लोकसभा सीट से हार मिलने के बाद सुषमा स्वराज ने 1987 में अंबाला छावनी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। विधायक रहते ही 1989 में फिर से करनाल लोकसभा सीट से फिर से चुनाव लड़ा लेकिन हार गई। भाजपा ने उन्हें 1990 में राज्यसभा की सदस्य बनाकर संसद भेज दिया।
1989 से 2000 तक
इसका परिणाम यह रहा के विज में पहला विधानसभा चुनाव जीता। वर्ष 1996 तक राज्यसभा सदस्य रहने के बाद सुषमा स्वराज देश की सियासी पटल छा गई। वह दक्षिण दिल्ली से चुनाव जीतकर सांसद बनी 13 दिन और 13 महीने की वाजपेयी सरकार में मंत्री वर्ष 1996 में सुषमा स्वराज को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया यह पहला मौका था जब सुषमा को केंद्र में मंत्री पद मिला। इसके बाद 1998 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए और केंद्र में एनडीए सत्ता में आया इस बार सुषमा स्वराज मंत्री बनी और पहले के मुकाबले दो मंत्रालयों की कमान संभाली। सुषमा स्वराज की जीवनी – Sushma Swaraj Biography Hindi
अक्टूबर 1996 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, और 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। हालांकि, 3दिसंबर 1998 को उन्होंने अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया, और राष्ट्रीय राजनीति में वापस लौट आई। सितंबर 1999 में उन्होंने कर्नाटक के बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरुद्ध चुनाव लड़ा। अपने चुनाव अभियान के दौरान, उन्होंने स्थानीय कन्नड़ भाषा में ही सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया था। हालांकि वे 7% के मार्जिन से चुनाव हार गयी।
2000 से 2014 तक
अप्रैल 2000 में वह उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद में वापस लौट आईं। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के विभाजन पर उन्हें उत्तराखण्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फिर से सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में शामिल किया गया था, जिस पद पर वह सितंबर 2000 से जनवरी 2003 तक रही। 2003 में उन्हें स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों में मंत्री बनाया गया, और मई 2004 में राजग की हार तक वह केंद्रीय मंत्री रही।
अप्रैल 2006 में स्वराज को मध्य प्रदेश राज्य से राज्यसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित किया गया। इसके बाद 2009 में उन्होंने मध्य प्रदेश के विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 4 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की। 21 दिसंबर 2009 को लालकृष्ण आडवाणी की जगह 15वीं लोकसभा में सुषमा स्वराज विपक्ष की नेता बनी और मई 2014 में भाजपा की विजय तक वह इसी पद पर आसीन रही। वर्ष 2014 में वे विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा लोकसभा की सांसद निर्वाचित हुई हैं और उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
भाजपा में राष्ट्रीय मन्त्री बनने वाली पहली महिला सुषमा के नाम पर कई रिकार्ड दर्ज़ हैं। वे भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता बनने वाली पहली महिला हैं, वे कैबिनेट मन्त्री बनने वाली भी भाजपा की पहली महिला हैं, वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमन्त्री थीं और भारत की संसद में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार पाने वाली पहली महिला भी वे ही हैं। वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है।
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योगदान – सुषमा स्वराज की जीवनी
सुषमा स्वराज ने 1985 से 1986 के न्याय युद्ध में भी हिस्सेदारी की थी, जो एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर चौ. देवीलाल और डॉ मंगल सेन की जोड़ी के नेतृत्व में लड़ा गया था। इस आंदोलन में महिलाओं का नेतृत्व सुषमा स्वराज ने किया था करनाल ब्राह्मण लोकसभा सीट से 2 बार चुनाव लड़ने वाली सुषमा को लाल कृष्ण आड़वाणी केंद्र की राजनीति में ले गए थे।
पद
- 1977 – 1982 हरियाणा विधान सभा की सदस्य निर्वाचित
- 1977 – 1979 हरियाणा सरकार में श्रम एवं रोजगार मन्त्री बनीं
- 1987 – 1990 हरियाणा विधानसभा की सदस्य निर्वाचित
- 1987- 1990 मन्त्रिमण्डल सदस्य, शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, हरियाणा सरकार।
- 1990- 1996 राज्य सभा में चुनी गयीं (प्रथम अवधि)
- 1996 – 1997 (15 मई 1996 से 4 दिसम्बर 1997) सदस्य,11वीं लोक सभा (द्वितीय अवधि)।
- 1996 (16 मई से 1 जून) से केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल, सूचना एवं प्रसारण मन्त्री।
- 1998 – 1999 (10 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999) सदस्य, 12वीं लोक सभा (तृतीय अवधि)।
- 1998 (19 मार्च से 12 अक्तूबर) केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल, सूचना एवं प्रसारण तथा दूरसंचार मंत्री (अतिरिक्त प्रभार)।
- 1998 (13 अक्तूबर से 3 दिसम्बर) दिल्ली की मुख्यमन्त्री
- 1998 (नवम्बर) से दिल्ली विधानसभा के हौज खास निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित। दिल्ली विधान सभा सीट से त्यागपत्र दिया और लोक सभा सीट जारी रखी।
- 2000- 2006 राज्य सभा सदस्य (चतुर्थ अवधि)।
- 2000 – 2003 (30 सितम्बर 2000 से 29 जनवरी 2003) सूचना एवं प्रसारण मन्त्री
- 2003- 2004 (29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री एवं संसदीय विषयों की मन्त्री
- 2006 – 2009 (अप्रैल 2006 -) सदस्य, राज्य सभा (पंचम अवधि)।
- 2009 – 2014 (16 मई 2009 से 18 मई 2014) सदस्य, 15वीं लोक सभा (छठी अवधि)।
- 2009- 2009 (3 जून 2009 से 21 दिसम्बर 2009) लोकसभा में विपक्ष के उपनेता।
- 2009 – 2014 (21 दिसम्बर 2009 से 18 मई 2014) विपक्ष के नेता एवं लाल कृष्ण आडवाणी का स्थान लिया।
- 2014-2019 (26 मई 2014 से 24 मई 2019) सदस्य, 16वीं लोक सभा (सातवीं अवधि)।
- 2014 -2019 (26 मई 2014 से 24 मई 2019) विदेश मंत्री, केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल।
उपलब्धियां – सुषमा स्वराज की जीवनी
- वे 25 वर्ष की आयु में 1977 में देश की प्रथम केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल सदस्य बनीं,
- 1979 में 27 वर्ष की आयु में सुषमा स्वराज जनता पार्टी, हरियाणा की राज्य अध्यक्षा बनीं।
- वे भारत की किसी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी की प्रथम महिला प्रवक्ता बनीं।
- इनके अलावा भी उन्हे भाजपा की प्रथम महिला मुख्य मंत्री, केन्द्रीय मन्त्री, महासचिव, प्रवक्ता, विपक्ष की नेता एवं विदेश मंत्री बनीं दर्जा भी प्राप्त था।
- ये भारतीय संसद की प्रथम एवं एकमात्र ऐसी महिला सदस्या हैं जिन्हें आउटस्टैण्डिंग पार्लिमैण्टेरियन सम्मान मिला है। उन्होंने चार राज्यों से 11 बार सीधे चुनाव लडे।
- इनके अतिरिक्त वे हरियाणा में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की चार वर्ष तक अध्यक्षा भी रहीं।
मृत्यु
सुषमा स्वराज का निधन 67 वर्ष की आयु में 6 अगस्त 2019 को All India Institute of Medical Sciences, New Delhi, Delhi में हुआ।
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