जियाउद्दीन बरनी की जीवनी – Ziauddin Barani Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको जियाउद्दीन बरनी की जीवनी – Ziauddin Barani Biography Hindi बताने जा रहे है.

जियाउद्दीन बरनी की जीवनी – Ziauddin Barani Biography Hindi

जियाउद्दीन बरनी की जीवनी

तारीखे फ़ोरोज़शाही एक ऐतेहासिक कृति बनाने वाले जियाउद्दीन बरनी एक इतिहासकार और एक राजनैतिक विचारक थे.

उसका जन्म सुल्तान बलबन के राज्यकाल में 1285-86 ई. में हुआ जिसने 1266-1287 तक राज किया ।

उसका नाना, सिपहसालार हुसामुद्दीन, बलबन का बहुत बड़ा विश्वासपात्र था। उसके पिता मुईदुलमुल्क तथा उसके चाचा अलाउलमुल्क को सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी तथा सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के राज्यकाल में बड़ा सम्मान प्राप्त था।

ज़ियाउद्दीन बरनी वेबैक मशीन ने अपनी बाल्यावस्था में अपने समकालीन बड़े बड़े विद्वानों से शिक्षा प्राप्त की थी।

वह शेख निज़ामुद्दीन औलिया का भक्त था। अमीर खुसरो का बड़ा घनिष्ठ मित्र था।

अन्य समकालीन विद्वानों एवं कलाकारों से भी वह भली भाँति परिचित था। सुल्तान फ़ीरोज़ तुग़्लाक़ के राज्यकाल में उसे अपने शत्रुओं के कारण बड़े कष्ट भोगने पड़े।

वह बड़ी ही दीनावस्था को प्राप्त हो गया। कुछ समय तक उसने बंदीगृह के भी कष्ट भोगे।

उसने अपने समस्त ग्रंथों की रचना सुल्तान फ़ीरोज़ के राज्यकाल में ही की किंतु उसे कोई भी प्रोत्साहन न मिला और बड़ी ही शोचनीय दशा में, 70 वर्ष की अवस्था में उसकी मृत्यु हुई। सुल्तान मुहम्मद बिन तुग़्लाक के राज्य काल में उसकी बड़ी उन्नति हुई।

संभवत: वह सुल्तान का नदीम (सहचर) था।

आलिमों तथा सूफ़ियों से संपर्क स्थापित करने में उसकी सेवाओं से बड़ा लाभ उठाया जाता होगा।

बड़े बड़े अमीर एवं पदाधिकारी उसके द्वारा अपने प्रार्थनापत्र सुल्तान की सेवा में प्रस्तुत करते थे।

देवगिरि की विजय की बधाई फ़ीरोज़ शाह, मलिक कबीर तथा अहमद अयाज़ ने उसी के द्वारा सुल्तान मुहम्मद बिन तुग़्लाक़ की सेवा में प्रेषित की।

जन्म

जियाउद्दीन बरनी का जन्म 1285 ई. में सुल्तान बलबन के राज्यकाल में हुआ.

सल्तनत कालीन इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी बुलंदशहर जिले के बरन का निवासी था। उनके पिता का नाम मुईदुलमुल्क था.

शिक्षा

उन्होंने बाल्यावस्था में ही बड़े बड़े विद्वानों से शिक्षा ग्रहण की और शेख निज़ामुद्दीन औलिया का भक्त था होने के साथ साथ अमीर खुसरो का बड़ा घनिष्ठ मित्र था.

रचनाएँ

बरनी की महत्वपूर्ण कृति फतवा-ए-जहांदारी सल्तनत कालीन प्रशासन का महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

बरनी कृत तारीखे-फिरोजशाही से 1265 ई. से 1398 ई. तक के सल्तनतकालीन इतिहास की जानकारी मिलती है।

तुगलक काल में उनकी काफी उन्नति हुई थी.

निधन

जियाउद्दीन बरनी का अंतिम समय बहुत ही दुखदायी व्यतीत हुआ. उस समय उनकी सम्पति जब्त कर ली गयी

उनका समाजिक बहिष्कार भी किया गया. 1357 ई. में जियाउद्दीन बरनी का निधन हो गया.

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