आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रियंका रेड्डी की जीवनी – Priyanka Reddy Biography Hindi के बारे में बताएगे।
प्रियंका रेड्डी की जीवनी – Priyanka Reddy Biography Hindi
प्रियंका रेड्डी एक पशु चिकित्सक थी।
27 नवंबर 2019 को उसका सामूहिक बलात्कार करके उनको जिंदा जला दिया गया था।
जन्म
प्रियंका रेड्डी का जन्म 1992 में हैदराबाद,तेलंगाना, भारत में हुआ था।
उनके पिता का नाम श्रीधर रेड्डी तथा उनकी माता का नाम विजया रेड्डी है श्रीधर रेड्डी एक सरकारी कर्मचारी है।
प्रियंका की भान का नाम भाव्या रेड्डी है।
करियर – प्रियंका रेड्डी की जीवनी
प्रियंका रेड्डी महबूबनगर जिले के नवाबपेट मंडल के कोल्लुरू स्थित सरकारी वेटर्नरी अस्पताल में डॉक्टर थी।
घटना
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के शादनगर इलाके में रहने वाली डॉक्टर प्रियंका हर रोज क्लीनिक जाती थीं जो उनके घर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर शमशादबाग में था। वो आधा रास्ता स्कूटी से पार करतीं और टोंडूपल्ली टोल प्लाजा की पार्किंग में अपनी स्कूटी पार्क कर देती थीं – और आगे का रास्ता पार करने के लिए कैब मंगा लेती रहीं। रोजाना का यही रुटीन था। 27 नवंबर को प्रियंका काम खत्म करके क्लीनिक से निकलीं, लेकिन उनका एक अन्य डॉक्टर के साथ appointment था क्योंकि वो स्किन ट्रीटमेंट ले रही थीं। यहां उन्हें देर लग गई। घरवालों ये बात पहले से मालूम थी कि प्रियंका को आने में देर होगी।
डॉक्टर से मिलने के बाद प्रियंका टोल प्लाजा की पार्किंग में पहुंचीं, तो देखा कि स्कूटी का एक टायर पंक्चर है। प्रियंका परेशान हो गईं क्योंकि रात हो चुकी थी और टोल प्लाजा जैसी जगह पर उन्हें मदद भी नहीं मिल पा रही थी। अब उस जगह अकेली लड़की को आने जाने वाला हर शख्स घूर रहा था। प्रियंका परेशान होने लगीं, समझ में नहीं आ रहा था कि वो करें तो क्या करें? कुछ लोग पूछने भी आए, मदद की पेशकश भी की, लेकिन प्रियंका को ये समझ आ गया था कि उसे मदद के लिए पूछने वालों के इरादे नेक नहीं हैं। लड़कियों की sixth sense उन्हें अच्छे और बुरे का पूर्वाभास करा देती है। प्रियंका को अब ज्यादा डर लगने लगा था।
गाड़ी
रात 9. 22 पर प्रियंका ने अपने घर फोन किया। बहन को हालात बताए तो उसने कहा कि गाड़ी वहीं छोड़कर कैब से घर आ जाओ। लेकिन प्रियंका ने कहा कि गाड़ी यहां कैसे छोड़ूं? छोड़ी दी तो फिर कल क्लीनिक कैसे जाउंगी? इसलिए उसने बहन से कहा, मैं देखती हूं कि ये ठीक हो जाए क्योंकि कल ऑफिस जाना है। लेकिन तुम फोन पर ही रहो, क्योंकि मुझे डर लग रहा है।
प्रियंका को डर जरूर लग रहा था कि लेकिन आने वाले खतरे के बारे में जरा भी अंदाजा नहीं था।
वो तो ये सोच रही थी कि स्कूटी यहां छोड़ी तो कोई उसे चोरी करके न ले जाए।
अपने साथ इतना बुरा होने की कल्पना जल्दी कोई नहीं करता। तब से वो फोन पर बनी हुई थीं।
इस बीच कई लोग मदद को लिए पूछने आए।
एक तो गाड़ी लेकर पंक्चर ठीक करवाने भी गया, लेकिन लौटकर कहा कि दुकान बंद हो गई।
एक ने कहा कि गाड़ी और आगे लेकर जानी पड़ेगी क्योंकि सभी दुकानें बंद हैं।
यानी मदद के नाम पर कोई न कोई प्रियंका के साथ बना ही रहा था।
लेकिन लोगों की आंखों में मदद नहीं कुछ और नजर आ रहा था।
प्रियंका बस किसी ऐसे शख्स की उम्मीद कर रही थी
जिसकी मदद लेने में वो खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
9. 42 तक प्रियंका बहन से बात करती रही और कहती रही कि उसे डर लग रहा है।
और अंत में बहन के कहने पर वो कैब लेने के लिए राजी हो गई थीं।
लेकिन तभी उसका फोन कट जाता है।
बहन ने दोबारा फोन लगाया तो फोन स्विच ऑफ हो चुका था।
टोल प्लाजा जाने का फैसला
घरवालों को लगा कि शायद प्रियंका को कैब मिल गई है और वो आ रही होगी, और हो सकता है कि फोन की बैटरी खत्म हो गई हो। लेकिन दो घंटे बीत जाने के बाद भी जब वो नहीं लौटी तो परिवार ने टोल प्लाजा जाने का फैसला किया। वो वहां पहुंचे तो वहां न स्कूटी थी और न प्रियंका। अब सभी को अनहोनी की आशंका होने लगी थी।
प्रियंका की बहन तुरंत सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन – साइबराबाद (Cyberabad) पहुंचती है। वहां से उसे ये कहकर लौटा दिया जाता है कि टोल प्लाजा वाला इलाका तो हमारे अंडर आता ही नहीं। आपको शमशाबाद पुलिस स्टेशन जाना होगा। प्रियंका की बदहवास बहन वहां से शमशाबाद पुलिस स्टेशन पहुंचती है।
इस जगह से कुछ दूर एक अंडरपास के नीचे एक किसान को एक लाश जली हालत में मिलती है, तो वो पुलिस को खबर करता है। सुबह करीब 7 बजे पुलिस वहां पहुंचती है और लाश की शिनाख्त की कोशिश करती है – जो 100 फीसदी जल चुकी थी, सिवाए स्कार्फ के टुकड़े के गले में पड़ा लॉकेट इशारा कर रहा था कि ये लाश एक महिला की है।
इसी लाश को देखकर पुलिस की नींद असल में खुल पायी। फिर पुलिस एक्टिव होती है क्योंकि ये एक महिला डॉक्टर की हत्या का मामला होता है। छानबीन में पता चलता है कि हत्या से पहले प्रियंका के साथ गैंगरेप भी हुआ था।पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक ट्रक ड्राइवर मोहम्मद आरिफ 25 साल का है और वही मुख्य आरोपी है। उसके साथ तीन हेल्पर – सी चेन्नाकेशवुलु, जे शिवा और जे नवीन भी हैं, जिनकी उम्र करीब 20 साल है। पुलिस के सामने सबने रेप और हत्या का गुनाह कबूल किया है।
आरोपि
आरोपियों ने बताया कि उन्होने इस जुर्म की प्लानिंग तभी कर ली गई थी जब इन लोगों ने प्रियंका को वहां स्कूटी पार्क करते देखा था। जब प्रियंका वहां नहीं थीं तो नवीन ने जानबूझकर स्कूटी पंक्चर कर दी। रात 9. 18 पर जब प्रियंका स्कूटी लेने आईं तो टायर की हवा पूरी तरह निकल चुकी थी।
तब परेशान प्रियंका की मदद करने के बहाने से आरिफ वहां पहुंचा था।
ये वही व्यक्ति था जिसने कहा था कि सारी दुकाने बंद हैं।
लेकिन प्रियंका उससे मदद के लिए मना करती रही।
शिवा उसके स्कूटर को ठीक करवाने के लिए लेकर गया था।
जिसने आकर कहा था कि दुकान बंद हो गई।
पुलिस ने बताया कि प्रियंका आवाज न करे इसलिए रेप के दौरान हमलावरों ने उसका मुंह और नाक बंद कर दिया था। प्रियंका का दम घुट गया और उसकी मौत हो गई। फिर उन लोगों ने पेट्रोल खरीदा और प्रियंका के शरीर को जला दिया। प्रियंका जिन लोगों से डर रही थी वही लोग या तो जबरन या फिर मदद के बहाने से उसे वहां से ले गए और उसके साथ हैवानियत की।
हत्या – प्रियंका रेड्डी की जीवनी
27 नवंबर 2019 को प्रियंका का सामूहिक बलात्कार करके उनको जिंदा जला दिया गया था।
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