आज इस आर्टिकल में हम आपको अतुल प्रसाद सेन की जीवनी – Atul Prasad Sen Biography Hindi के बारे में बताएगे।
अतुल प्रसाद सेन की जीवनी – Atul Prasad Sen Biography Hindi
अतुल प्रसाद सेन बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और संगीतकार थे
इसके साथ ही वे प्रसिद्ध विधिवेत्ता, शिक्षा प्रेमी, रचनाकार और उच्च कोटि के अधिवक्ता थे।
गोपाल कृष्ण गोखले की देश सेवा से प्रभावित होकर अतुल प्रसाद सेन उनकी संस्था ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के सदस्य बन गए थे।
जन्म
अतुल प्रसाद सेन का जन्म 28 अक्टूबर 1871 में पूर्वी बंगाल में हुआ था।
उनके पिता का नाम राम प्रसाद सेन तथा उनकी माता का नाम हेमंत शशि था।
अतुल प्रसाद की माँ ने बाद में जून 1890 में ब्रह्म समाज सुधारक दुर्गा मोहन दास से विवाह किया।
उनकी पत्नी का नाम हेम कुसुम सेन था।
उनके दो जुड़वा बच्चे थे जिनका नाम दिलीप कुमार और निलीप कुमार थे।
जन्म के छह महीने बाद निलीप की मृत्यु हो गई।
शिक्षा – अतुल प्रसाद सेन की जीवनी
उनके नाना काली नारायण गुप्ता ने अतुल प्रसाद को संगीत और भक्ति गीतों की उनके नाना काली नारायण गुप्ता ने दीक्षा दी। कोलकाता में शिक्षा प्राप्त करने के बाद कानून की शिक्षा पाने के लिए वह इंग्लैंड चले गए।
1895 में शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ दिन कोलकाता में वकालत की और उसके बाद लखनऊ को अपना कार्यक्षेत्र बना लिया।
करियर
‘इलाहाबाद लॉ जनरल’ का प्रकाशन अतुल प्रसाद सेन ने आरंभ किया।
साथ ही वे ‘अवध वीकली नोट्स’ और बांग्ला मासिक ‘उत्तरा’ के भी संपादक रहे।
गोपाल कृष्ण गोखले की देश सेवा से प्रभावित होकर अतुल प्रसाद सेन उनकी संस्था ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के सदस्य बन गए थे।
राजनीतिक दृष्टि से लिबरल विचारों के सेन देश की पूर्ण स्वतंत्रता के समर्थक थे।
वे बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि और संगीतकार भी थे।
उनके रचित राष्ट्रप्रेम और भक्ति परक गीतों को बांग्ला संगीत के क्षेत्र में बड़े सम्मान का स्थान प्राप्त है।
सार्वजनिक कार्यकर्ता
गोपाल कृष्ण गोखले की देश सेवा से प्रभावित होकर अतुल प्रसाद सेन उनकी संस्था ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के सदस्य बन गए थे। अतुल प्रसाद की गणना उच्च कोटि के वकीलों में होती थी। वह सार्वजनिक कार्यों में भी पूरी रुचि लेते थे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक वह भी थे और जीवनपर्यंत उस संस्था से जुड़े रहे। गांधी जी द्वारा प्रवर्तित ‘हरिजन उद्धार’ के काम में भी उन्होंने भाग लिया। प्राकृतिक आपदाओं के समय वे सदा सहायता के लिए आगे रहते थे। देश के अनेक प्रमुख व्यक्तियों यथा- रवींद्रनाथ ठाकुर, महात्मा गांधी जी , मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, स्वामी विवेकानंद आदि से उनका निकट का संबंध था।
मृत्यु – अतुल प्रसाद सेन की जीवनी
अतुल प्रसाद सेन की 26 अगस्त, 1934 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में उनकी मृत्यु हुई।
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