आज इस आर्टिकल में हम आपको अभिनव बिंद्रा की जीवनी – Abhinav Bindra Biography Hindi के बारे में बताएगे।
अभिनव बिंद्रा की जीवनी – Abhinav Bindra Biography Hindi
(English – Abhinav Bindra) अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण जीता।
उन्होने 2008 में बीजिंग में हुए ओलंपिक में निशानेबाजी की 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्धा एमईएन स्वर्ण जीता था।
इससे पहले, 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने के साथ ही बिंद्रा ऐसाकरने
वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे।
2009 में उन्हे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
22 साल के करियर में 150 से ज्यादा पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने सितंबर 2016 में संन्यास का एलान कर दिया था।
संक्षिप्त विवरण
नाम | अभिनव बिंद्रा |
पूरा नाम | अभिनव बिंद्रा |
जन्म | 28 सितंबर 1982 को |
जन्म स्थान | लुधियाना, पंजाब |
पिता का नाम | अपजीत बिंद्रा |
माता का नाम | बबली बिंद्रा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
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धर्म |
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जन्म – अभिनव बिंद्रा की जीवनी
अभिनव बिंद्रा का जन्म 28 सितंबर 1982 को देहरादून, उत्तराखंड में हुआ था।
उनके पिता का नाम अपजीत बिंद्रा उनकी माता का नाम बबली बिंद्रा है।
करियर
1998 के राष्ट्रमंडलीय खेलों के सबसे युवा निशानेबाज थे। एमबीए कर चुके अभिनव फ्यूचरिस्टिक कम्पनी के सीईओ हैं।
सम्प्रति वे चंडीगढ में रहते हैं।
अभिनव बिंद्रा ने 15 साल की उम्र से निशानेबाजी करना प्रारंभ किया था।
2000 में अभिनव सिडनी ओलिम्पिक के सबसे युवा निशानेबाज बने थे, लेकिन अनुभव के लिहाज से यह उनका पहला ओलिम्पिक था।
2001 के म्यूनिख कप में उन्होंने काँस्य पदक जीता। इसी साल मैनचेस्टर में वे १० मीटर एयर राइफल का स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहे।
2004 में एथेंस ओलिम्पिक में अभिनव ने रिकॉर्ड तो कायम किया, लेकिन पदक जीतने से चूक गए।
2008 के बीजिंग ओलिम्पिक में बिंद्रा का निशाना सीधे सोने के पदक पर लगा।
2014 राष्ट्रमण्डल खेल में अभिनव ने स्वर्ण पदक जीता।
सम्मान और पुरस्कार
अभिनव बिंद्रा को सन 2009 में भारत सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पंजाब राज्य से हैं। अभिनव बिंद्रा ज़गरेब में विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण जीतने वाले और पेरिस में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी थे।
वे 11 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
क्वालीफाइंग मुकाबले में 596 अंक हासिल करने के बाद बिंद्रा ने जबर्दस्त मानसिक एकाग्रता का परिचय दिया
और अंतिम दौर में 104.5 का स्कोर किया।
उन्होंने कुल700.5 अंकों के साथ स्वर्ण पर निशाना साधने में कामयाबी हासिल की।
बिंद्रा ने क्वालीफाइंग मुकाबले में चौथा स्थान हासिल किया था, जबकि उनके प्रतियोगी गगन नारंग बहुत करीबी अंतर से फाइनल में पहुंच पाने से वंचित रह गए। वे नौवें स्थान पर रहे थे।
अभिनव बिंद्रा एयर राफल निशानेबाजी में वर्ष 2006 में विश्व चैम्पियन भी रह चुके हैं।
संन्यास – अभिनव बिंद्रा की जीवनी
22 साल के करियर में 150 से ज्यादा पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने सितंबर 2016 में संन्यास का ऐलान कर दिया था।
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