अनंत पै की जीवनी – Anant Pai Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अनंत पै की जीवनी – Anant Pai Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अनंत पै की जीवनी – Anant Pai Biography Hindi

अनंत पै की जीवनी
अनंत पै की जीवनी

(English – Anant Pai)अनंत पै भारतीय शिक्षा शास्री, अमर चित्रकथा के संस्थापक थे।

उन्होंने इंडिया बुक हाउस के साथ 1967 में अमर चित्र कथा श्रृंखला की शुरूआत की।

इसके माध्यम से बच्चों को परंपरागत भारतीय लोक कथाएँ, पौराणिक
कहानियाँ और ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियाँ बताना आरंभ किया गया।

अनंत पै को 19 फरवरी, 2011 को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

संक्षिप्त विवरण

नाम अनंत पै
पूरा नाम, अन्य नाम
अनंत पई, चाचा पै,अंकल पै
जन्म 17 सितंबर, 1929
जन्म स्थान कार्कल, कर्नाटक
पिता का नाम
माता  का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
24 फरवरी, 2011
मृत्यु  स्थान
मुंबई

जन्म – अनंत पै की जीवनी

अनंत पै का  जन्म 17 सितंबर 1929 को कर्नाटक के कार्कल शहर में हुआ था।

जब वे दो वर्ष के थे तो उनके माता-पिता का देहांत हो गया।

जिसके बाद उनके नाना ने उनका पालन पोषण किया।

1961 में उनका विवाह 20 वर्षीय ललिता के साथ हुआ था।

शिक्षा

Anant Pai ने प्रारम्भिक शिक्षा ओरिएंट स्कूल माहिम, मुंबई से प्राप्त की।

इसके बाद उन्होंने रसायन विज्ञान में मुंबई विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।

करियर

मुंबई विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह टाइम्स ऑफ़ इंडिया के कॉमिक डिवीजन में आए और फैन्टम एवं मैनड्रेक जैसे कॉमिक्स का भारतीय संस्करण प्रकाशित किया। उन्होंने इंडिया बुक हाउस के साथ 1967 में अमर चित्र कथा श्रृंखला की शुरूआत की।

इसके माध्यम से बच्चों को परंपरागत भारतीय लोक कथाएँ, पौराणिक कहानियाँ और ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियाँ बताना आरंभ किया गया। 1980 में उन्होंने ‘टिंकल’ नाम से बच्चों की पत्रिका शुरू की। उन्होंने भारत का पहला कॉमिक-कार्टून सिंडिकेट “रंग रेखा फ़ीचर्स” शुरू किया जिसके वो आख़िर तक निदेशक रहे।

1978 में बच्चों एवं किशोरों के लिए उन्होंने ‘पार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ़ पर्सनलिटी डेवलपमेंट’ भी शुरू किया। उनके कॉमिक स्ट्रिप अनेक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते थे। उनके द्वारा “वैदिक सत्य” और “सफलता का रहस्य” नाम से दो वीडियो फ़िल्म भी बनाई गयी।

रचनाएँ

कॉमिक्स

झाँसी की रानी शिव कार्तिकेय
गणेश कृष्ण और शिशुपाल ह्वेन सांग
गुरू नानक गुरु तेगबहादुर स्यमन्तक मणि
न्यायप्रिय बीरबल सुभाषचन्द्र बोस जातक कथाएँ
हरिशचन्द्र तानसेन जमशेदजी टाटा
  • अमर चित्र कथा आज 20 से अधिक भारतीय भाषाओं में तीस लाख कॉमिक किताबें सालभर में बेचता है।

सम्मान एवं पुरस्कार

  • अनंत पै को 19 फरवरी, 2011 को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • 1996 में उन्हे हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया।
  • अनंत पै को 2001 में राजा राममोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन पुरस्कार दिया गया।
  • 2002 में अनंत पै को प्रियदर्शनी अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 17 सितम्बर, 2011 को अनंत पै के 82वें जन्मदिन की याद करते हुए उनका चित्र लगाया था। उनका योगदान केवल चित्रकथाएं नहीं थीं। उन्होंने अमर चित्र कथा के रूप में एक नए विषय का प्रवेश कराया था। भारत में फैंटम, मैनड्रेक और फ्लैश गॉर्डन जैसे पात्रों का प्रवेश कराया और बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के लिए सुरुचिपूर्ण सामग्री तैयार की।

निधन – अनंत पै की जीवनी

अनंत पै का निधन 24 फरवरी, 2011 को दिल का दौरा पड़ने  के कारण मुंबई में हुआ था।

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