आज इस आर्टिकल में हम आपको जनरल विश्वनाथ शर्मा की जीवनी के बारे में बताने जा रहे है. जनरल विश्वनाथ शर्मा सेनाध्यक्ष बनाने वाले हिमाचल प्रदेश के प्रथम सैनिक थे। जनरल विश्वनाथ शर्मा पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी भारतीय सेना के 15 वें सेनाध्यक्ष थे । उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया 1962, 1965 और 1971 की लड़ाई में बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसमें हम आपको जनरल नाथ शर्मा के जीवन के बारे में बताएंगे.
जनरल विश्वनाथ शर्मा की जीवनी

जन्म
विश्वनाथ शर्मा का जन्म 4 जून 1930 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में हुआ था। वे स्वतंत्र भारत के पहले मरणोपरांत परम वीरचक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा और भारतीय सेना के प्रमुख अभियंता लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र नाथ शर्मा के छोटे भाई हैं।
शिक्षा
जनरल विश्वनाथ शर्मा और उनके भाइयों ने प्रिंस ऑफ वेल्स के रॉयल इंडियन मिलिटरी कॉलेज, देहरादून से शिक्षा प्राप्त की थी.
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करियर
जनरल विश्वनाथ शर्मा पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी भारतीय सेना के 15 वें सेनाध्यक्ष थे ।
शर्मा जी भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून में पांचवें नियमित पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए गए और उन्हें 4 जून 1 50 को 16 वें लाइट कैवेलरी में कमीशन किया गया। उन्होंने लाहौर सेक्टर में पाकिस्तान के खिलाफ 1965 का युद्ध लड़ा। उन्होंने 66 वें बख्तरबंद रेजिमेंट और बाद में एक विद्रोह प्रभावित क्षेत्र में माउंटेन ब्रिगेड का नेतृत्व भी किया। जनरल शर्मा ने 1 जून 1987 को पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी के रूप में कार्यभार संभाला और उन्हें 25 जुलाई 1987 को राष्ट्रपति को मानद सेना एडीसी नियुक्त किया गया।उन्होंने 1962 1965 और 1971 की लड़ाई बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
1 मई 1988 से 30 जून 1990 तक भारत के सेनाध्यक्ष रहे सेना अध्यक्ष बनने वाले हिमाचल के प्रथम सैनिक थे.
पुरस्कार
जनरल विश्वनाथ शर्मा को परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था.
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