गोविंदा की जीवनी – Govinda Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको गोविंदा की जीवनी – Govinda Biography Hindi के बारे में बताएगे।

गोविंदा की जीवनी – Govinda Biography Hindi

गोविंदा की जीवनी - Govinda Biography Hindi

गोविंदा भारतीय फिल्म अभिनेता, नर्तक और पूर्व राजनेता हैं। उनकी पहली फिल्म 1986 में बनी इल्जाम थी।

उन्होंने अब तक 165 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों में अभिनय किया है।

वे तेलुगु अभिनेताओं के लिए प्रेरणा के प्रमुख स्रोत रहे हैं और उनकी अभिनय और नृत्य शैली का आज तक तेलुगु फिल्म उद्योग में अनुसरण किया जाता है।

जून 1999 में, बीबीसी न्यूज़ द्वारा ऑनलाइन पोल में उन्हें दसवां सबसे बड़ा स्टार चुना गया था।

गोविन्दा 12 फिल्मफेयर पुरस्कार में नामांकन, एक फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार और चार ज़ी सिने पुरस्कार के प्राप्तकर्ता हैं। गोविंदा  2004 से 2009 तक भारतीय संसद के सदस्य थे।

जन्म

गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 को बॉम्बे (वर्तमान में मुंबई), महाराष्ट्र, भारत में हुआ था।

उनका वास्तविक नाम गोविंद अरुण आहूजा है।

उनके पिता का नाम अरुण कुमार और उनकी माता निर्मला देवी है। जोकि गायिका और अभिनेत्री है।

उनके पिता पुराने फिल्म अभिनेता थे। उनका भाई कीर्ति कुमार एक अभिनेता, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर है।

उनकी बहन, कामिनी खन्ना एक राइटर, म्यूजिक डायरेक्टर और गायिका है।

11 मार्च 1987 को उन्होंने सुनीता से शादी की।

उनकी दो संताने है – एक बेटी टीना और एक बेटा यशवर्धन है।

टीना ने 2015 में आयी फिल्म ‘सेकंड हैण्ड हसबंड’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।

शिक्षा

गोविंदा ने अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज, वसाई, महाराष्ट्र से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की।

हाइट और वजन

  • गोविंदा की हाइट 5 फीट 7इन्च है
  • उनका वजन लगभग 85 कि० ग्रा० है।

करियर – गोविंदा की जीवनी

1980 के दशक के दौरान गोविन्दा ने एक एक्शन और डांसिंग हीरो के रूप में शुरुआत की और ९० के दशक में एक कॉमेडी हीरो के रूप में खुद को फिर से स्थापित किया। उनकी पहली फिल्म 1986 में बनी इल्जाम थी। उन्होंने अब तक 165 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों में अभिनय किया है।

उनकी लव 86, इल्जाम, हत्या, जीते हैं शान से और हम फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा नाम कमाया था। 1992 की रोमांस फिल्म शोला और शबनम में शरारती युवा एनसीसी कैडेट की भूमिका निभाने के बाद उन्हें 1990 के दशक में एक कॉमिक अभिनेता के रूप में पहचान मिली।

गोविन्दा ने कई व्यावसायिक रूप से सफल कॉमेडी फिल्मों में मुख्य भूमिकाएँ निभाईं, जिनमें आंखें (1993), राजा बाबू (1994), कुली नंबर वन (1995), आंदोलन (1995), हीरो नं॰ 1 (1997), दीवाना मस्ताना (1997), दूल्हे राजा (1998), बड़े मियाँ छोटे मियाँ (1998), अनाड़ी नंबर 1 (1999) और जोड़ी नम्बर वन (2001) शामिल है। उन्हें हसीना मान जायेगी के लिए फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड और साजन चले ससुराल के लिए फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड मिला। उन्होंने हद कर दी आपने (2000) में छह भूमिकाएँ निभाईं: राजू और उसकी माँ, पिता, बहन, दादी और दादा की।

2000 से 2014 तक

2000 के दशक में कई असफल फिल्मों के बाद वो भागम भाग (2006), पार्टनर (2007), लाइफ पार्टनर (2009), और हॉलिडे (2014) सफल फिल्मों में नजर आए। 2014 में गोविन्दा ज़ी टीवी के डांस-कॉन्टेस्ट प्रोग्राम, डांस इंडिया डांस सुपर मॉम सीजन -2 में जज बने। इस शो को किसी भी अन्य रियलिटी-शो से ज्यादा टीआरपी मिली। गोविन्दा 12 फिल्मफेयर पुरस्कार में नामांकन, एक फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार और चार ज़ी सिने पुरस्कार के प्राप्तकर्ता हैं।

2004 में गोविंदा कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये और इसके बाद लोकसभा चुनाव में मुंबई से उनकी नियुक्ती संसद भवन के सदस्य के रूप में की गयी थी।

चुनाव में वे 50,000 वोटो से जीते थे।

चुनाव के समय में, उन्होंने बताया था की उनका एजेंडा प्रवास, स्वास्थ और ज्ञान है।

प्रवास के क्षेत्र में उन्होंने बोरीवली-विरार में बहुत से कार्य किये है।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार उन्होंने स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत से कार्य किये थे।

ठाणे जिल्हा कलेक्टर ने एक इंटरव्यू में कहाँ था की, गोविंदा ने अपने “लोकल एरिया डेवलपमेंट फण्ड” से वसई और विरार में पिने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए पैसे दिए थे।

विवाद – गोविंदा की जीवनी

16 जनवरी 2008 को, फिल्मिस्तान स्टूडियो, मुंबई में फिल्म “मनी है तो हनी है” की शूटिंग के दौरान गोविंदा ने रे (Ray) नामक व्यक्ति को थप्पड़ मारा, जिससे मीडिया में बहुत बवाल हुआ। इसके बाद रे (Ray) ने गोविंदा के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज की, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसे ख़ारिज कर दिया। उसके बाद रे (Ray) ने सर्वोच्च न्यायलय में अपील की जहाँ सर्वोच्च न्यायालय ने गोविंदा को पीड़ित पक्ष को पांच लाख रुपए बतौर मुआवजा देने का दंड दिया।

इसे भी पढ़े – स्टीवन स्पीलबर्ग की जीवनी – Steven Spielberg Biography Hindi

Leave a Comment