जॉन डाल्टन की जीवनी – John Dalton Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको जॉन डाल्टन की जीवनी – John Dalton Biography Hindi के बारे में बताएगे।

जॉन डाल्टन की जीवनी – John Dalton Biography Hindi

जॉन डाल्टन की जीवनी - John Dalton Biography Hindi

जॉन डाल्टन एक मशहूर ब्रिटिश वैज्ञानिक थे।

उन्हे परमाणु सिद्धान्त का जनक कहा जाता है।

उन्होने ही दुनिया को बताया था कि कोई भी पदार्थ बेहद छोटे कणों से बना होता है।

और उन्हे एटम्स या अणु कहा जाता है। 1

803 में उन्होने अपने परमाणु सिद्धान्त को दुनिया के सामने पेश किया था।

विज्ञान कि दुनिया में यह एक बहुत बड़ी खोज थी। कलर ब्लाइंडनेस जैसी बीमारी की खोज उन्ही ने की थी।

जन्म

जॉन डाल्टन का जन्म 6 सितंबर 1766 को ईगल्सफील्ड, कंबरलैंड, इंग्लैंड, ग्रेट ब्रिटेन (Eaglesfield, Cumberland, England, Great Britain) में हुआ था।

शिक्षा – जॉन डाल्टन की जीवनी

उनकी प्रारंभिक शिक्षा ‘कुकर्ज़’ स्कूल में हुई जहां उन्होंने धर्म शिक्षा के अतिरिक्त गणित, विज्ञान, तथा अंग्रेजी ग्रामर भी पढ़ी।

करियर

बारह वर्ष की आयु में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी जीविका शुरू की।

वे सात साल बाद वह एक स्कूल के प्रिंसिपल बन गए।

सन् 1793 में जॉन कालेज में गणित, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने वेफ लिए मैनचेस्टर चले गए।

वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। । 1803 में उन्होने अपने परमाणु सिद्धान्त को दुनिया के सामने पेश किया था।

विज्ञान कि दुनिया में यह एक बहुत बड़ी खोज थी। जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत साबित हुआ। कलर ब्लाइंडनेस जैसी बीमारी की खोज उन्ही ने की थी।

परमाणु सिद्धान्त

डाल्टन ने द्रव्यों की प्रकृति के बारे में एक आधारभूत सिद्धांत प्रस्तुत किया। डाल्टन ने द्रव्यों की विभाज्यता का विचार प्रदान किया जिसे उस समय तक दार्शनिकता माना जाता था।

ग्रीक दार्शनिकों के द्वारा द्रव्यों के सूक्ष्मतम अविभाज्य कण, जिसे परमाणु नाम दिया था, उसे डाल्टन ने भी परमाणु नाम दिया। डाल्टन का यह सिद्धांत रासायनिक संयोजन के नियमों पर आधरित था।

डाल्टन के परमाणु सिद्धांत ने द्रव्यमान के संरक्षण के नियम एवं निश्चित अनुपात के नियम की युक्तिसंगत व्याख्या की। डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं। डाल्टन के सिद्धांत की विवेचना निम्न प्रकार से कर सकते हैं:

  • सभी द्रव्य परमाणुओं से बने होते हैं।
  • परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है।
  • किसी भी दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुण समान होते हैं।
  • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटीपूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक नियमित करते हैं।
  • किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।
  • एक रासायनिक प्रतिक्रिया परमाणुओं की एक पुनर्व्यवस्था है।

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मुख्य कार्य – जॉन डाल्टन की जीवनी

  • अवलोकन और परीक्षण (1793)
  • अंग्रेजी व्याकरण के तत्व (1801)
  • रंगों की दृष्टि से संबंधित असाधारण तथ्य (1794)
  • रासायनिक दर्शन की एक नई प्रणाली (1808)

पुरस्कार

1826 में उन्हे रॉयल मेडल से नवाजा गया।

मृत्यु

जॉन डाल्टन की मृत्यु 77 वर्ष की आयु में 27 जुलाई, 1844 को दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

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