के. शंकर पिल्लई की जीवनी – K. Shankara Pillai Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको के. शंकर पिल्लई की जीवनी – K. Shankara Pillai Biography Hindi के बारे में बताएगे।

के. शंकर पिल्लई की जीवनी – K. Shankara Pillai Biography Hindi

के. शंकर पिल्लई की जीवनी
के. शंकर पिल्लई की जीवनी

(English – K. Shankara Pillai) के. शंकर पिल्लईप्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट थे।

भारत में उन्हें ‘राजनीतिक कार्टूनिंग का जनक’ माना जाता है।

1976 में उन्हे भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

 

संक्षिप्त विवरण

नाम के. शंकर पिल्लई (K. Shankara Pillai)
पूरा नाम, अन्य नाम
केशवा शंकर पिल्लई
जन्म 31 जुलाई, 1902
जन्म स्थान केरल
पिता का नाम
माता  का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
26 दिसंबर, 1989
मृत्यु स्थान

जन्म – के. शंकर पिल्लई की जीवनी

के. शंकर पिल्लई का जन्म 31 जुलाई, 1902 को केरल में हुआ था।

उनका पूरा नाम केशवा शंकर पिल्लई था।

उन्हे शंकर के नाम से भी जाना जाता है।

शिक्षा

स्कूली शिक्षा के बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए मुंबई आए शंकर ने सालभर बाद ही पढ़ाई छोड़कर एक शिपिंग कंपनी में नौकरी कर ली।

कार्टून की शुरुआत

मुंबई में पढ़ाई दौरान शंकर ने कई समाचारपत्रों में अपने कार्टून भेजना शुरू कर दिए थे जिनमें फ्री प्रेस जनरल, क्रोनिकल, वीकली हेराल्ड प्रमुख थे। 1932 में द हिन्दुस्तान टाईम्स ने शंकर को पहला स्टाफ कार्टूनिस्ट नियुक्त किया।

करियर

वे ‘अंतर्राष्ट्रीय डॉल्स म्यूजियम’ की स्थापना के लिए विश्व भर में जाने जाते हैं। 1948 में उन्होंने एक साप्ताहिक पत्रिका ‘शंकर्ज वीकली’ की शुरुआत की।

शंकर वीकली ने अबू अब्राहम, रंगा और कुट्टी जैसे कार्टूनिस्टों का निर्माण किया। 25 जून, 1975 को आपात काल के दौरान के. शंकर पिल्लई ने अपनी पत्रिका को बंद कर दिया था।

पुरस्कार  और सम्मान

  • के. शंकर पिल्लई को 1966 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और फिर 1976 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पद्म श्री से भी वे सम्मानित हुए थे।
  • 1957 में स्थापित ‘चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट’ की स्थापना और 1965 में ‘अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय’ की स्थापना के लिए के. शंकर पिल्लई को याद किया जाता है।

मृत्यु

के. शंकर पिल्लई की मृत्यु 26 दिसंबर, 1989 को हुई थी।

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