कैलाश नाथ काटजू की जीवनी – Kailash Nath Katju Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको कैलाश नाथ काटजू के जीवन के बारे में बताएगे।

कैलाश नाथ काटजू की जीवनी – Kailash Nath Katju Biography Hindi

कैलाश नाथ काटजू की जीवनी

कैलाश नाथ काटजू भारत के एक प्रमुख राजनेता थे।

वह उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री थे।

वे भारत के सबसे प्रमुख वकीलों में से एक थे। डॉ. काटजू को पहली लोकसभा का सदस्य बनने का भी गौरव प्राप्त हुआ था।

कैलाश नाथ काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी थीं।

इसके साथ ही वे एक श्रेष्ठ प्रशासक एवं विधिवेत्ता भी थे।

जन्म

कैलाश नाथ काटजू का जन्म 17 जून, 1887 को मध्य प्रदेश के मालवा में ‘जओरा’ में हुआ था। वे कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता का नाम पंडित त्रिभुवननाथ काटजू था।

उनका विवाह स्‍व. पं. निरंजन नाथ कौल की सुपुत्री श्रीमती रूप किशोरी के साथ हुआ था।

वे तीन बेटे और दो बेटियों के पिता थे।

शिक्षा

कैलाश नाथ काटजू की प्रारम्भिक शिक्षा उनकी ननिहाल लाहौर में हुई थी। इसके बाद लाहौर से ही बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इलाहाबाद चले गए।

इलाहाबाद में प्रसिद्ध क़ानूनविद सर तेज बहादुर सप्रू की देख-रेख में उन्होने क़ानून की पढ़ाई पूरी की और कुछ समय तक कानपुर में वकालत करते रहे।

इसके बाद वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में आ गए और यहाँ आने वकालत करते हुए 1919 में क़ानून में एल.एल.डी. की डिग्री लेकर डॉ. काटजू बन गए। उन्हे डी. लिट् की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।

करियर – कैलाश नाथ काटजू की जीवनी

  • 1914 में कैलाश नाथ काटजू हाईकोर्ट बार के सदस्य चुने गए थे।
  • 1935 से 1937 तक डॉ. काटजू ‘इलाहाबाद म्युनिसिपल कौंसिल’ के चेयरमेन रहे।
  • 1936 में वकालत छोड़कर उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में मंत्री बने। इन्होंने भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी भाग लिया था।
  • 1946 में द्वितीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के गठन के बाद कैलाश नाथ काटजू दोबारा मंत्री बनाये गए।
  • इसके बाद 1947 से जून 1948 तक वे उड़ीसा के और 1948 से 1951 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे।
  • 1951-1957 में वे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कई विभागों के मंत्री रहे। कैलाश नाथ काटजू संविधान सभा के भी सदस्य रहे थे।
  • मंदसौर कैलाश नाथ काटजू का चुनाव क्षेत्र था और वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे।
  • 31 जनवरी, 1957 से मार्च, 1962 तक डॉ. काटजू मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे ।
  • मध्य प्रदेश की प्रगति के लिए उन्होंने कई सराहनीय कार्य किये और प्रगति के पथ पर अग्रसर किया।
  • डॉ. काटजू को पहली लोकसभा का सदस्य बनने का भी गौरव प्राप्त हुआ था।

लेखक

काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी थीं। इसके साथ ही वे एक श्रेष्ठ प्रशासक एवं विधिवेत्ता भी थे। वे अच्‍छे लेखक, सम्‍पादग, वक्‍ता, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासक आदि कई क्षेत्रों में लंबे समय तक काम किया।

वे इलाहाबाद लॉ जर्नल के सम्‍पादक रहे। ‘माइ पेरेण्‍ट्स’ और ‘रेमिनिसेंसेज एण्‍ड एक्‍सपेरीमेण्‍ट्स इन एडवोकेसी- नामक दो पुस्‍तकों के लेखक थे . अन्‍य प्रकाशन-लॉ रिलेटिंग टु क्रिमिनल एण्‍ड एक्‍शनेबल कांस्पिरेसीज पर प्रबन्‍ध और डी.एस.सी.दास के साथ कोड ऑफ सिविल एण्‍ड क्रिमिनल प्रोसीजर

सदस्यता

  •  1946-1947 से संविधान सभा के सदस्य थे।
  • 1937-1939 और अप्रैल 1946-अगस्त 1947 मंत्री, न्याय उद्योग और विकास, उत्तर प्रदेश,
  • केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (एक) गृह और विधि, 5 नवम्बर 1951-13 मई 1952
  • गृह एवं राज्य (दो), 13 मई 1950-10 जनवरी 1955
  • रक्षा (तीन), 10 जनवरी 1955-30 जनवरी 1957
  • अगस्त 1947-जून 1948 उड़ीसा के राज्यपाल
  • 1948 से 1951 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

मृत्यु – कैलाश नाथ काटजू की जीवनी

कैलाश नाथ काटजू की मृत्यु 17 फ़रवरी 1968 को हुई।

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