आज इस आर्टिकल में हम आपको महारानी विक्टोरिया की जीवनी – Queen Victoria Biography Hindi के बारे में बताएगे।
महारानी विक्टोरिया की जीवनी – Queen Victoria Biography Hindi
(English – Queen Victoria)महारानी विक्टोरिया 1837 ई. में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैण्ड की महारानी के रूप में सिंहासन पर आरूढ़ हुई थीं।
1858 ई. में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के हाथ से लेकर ब्रिटिश राजसत्ता को सौंप दिया गया।
संक्षिप्त विवरण
नाम | महारानी विक्टोरिया |
पूरा नाम, वास्तविक नाम |
महारानी विक्टोरिया |
जन्म | 24 मई 1819 |
जन्म स्थान | लंदन |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु |
22 जनवरी 1901 |
मृत्यु स्थान |
इंग्लैंड |
जन्म – महारानी विक्टोरिया की जीवनी
विक्टोरिया का जन्म 24 मई 1819 ई. को लंदन में हुआ था।
जब वे मात्र आठ महीने की ही थीं, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था।
विक्टोरिया के मामा ने उनका पालन-पोषण किया और शिक्षा-दीक्षा का कार्य बड़ी निपुणता से संभाला।
वे स्वयं भी एक बड़े योग्य और अनुभवी व्यक्ति थे।
उनकी संगत में ही विक्टोरिया ने राजकाज का कार्य सम्भालना शुरू कर दिया था।
विवाह
महारानी विक्टोरिया ने प्रिंस अल्बर्ट कर्सोट से विवाह किया। विवाह हो जाने के बाद विक्टोरिया अपने पति को राजकाज से दूर ही रखती थीं, लेकिन धीरे-धीरे पति के प्रेम, विद्वत्ता और चातुर्य आदि गुणों से प्रभावित होने पर वे पतिपरायण बनकर उनकी इच्छानुसार चलने लगीं। लेकिन 43 वर्ष की आयु में ही वे विधवा हो गईं। इस दुःख को सहते हुए भी उन्होंने 39 वर्ष तक बड़ी ईमानदारी और न्याय के साथ शासन किया।
राजतिलक
अठारह वर्ष की अवस्था में विक्टोरिया गद्दी पर बैठीं। वे लिखती हैं कि मंत्रियों की रोज इतनी रिपोर्टें आती हैं तथा इतने अधिक कागजों पर हस्ताक्षर करने पड़ते हैं कि मुझे बहुत श्रम करना पड़ता है। किंतु इसमें मुझे सुख मिलता है।
राज्य के कामों के प्रति उनका यह भाव अंत तक बना रहा। इन कामों में वे अपना एकछत्र अधिकार मानती थीं। उनमें वे मामा और माँ तक का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करती थी। ‘पत्नी, माँ और रानी – तीनों रूपों में उन्होंने अपना कर्तव्य अत्यंत ईमानदारी से निभाया। घर के नौकरों तक से उनका व्यवहार बड़ा सुंदर होता था’
नीति – महारानी विक्टोरिया की जीवनी
महारानी विक्टोरिया ने कभी भी भारत-भ्रमण नहीं किया और भारतीय प्रशासन का संचालन संवैधानिक शासक की हैसियत से करते हुए उन्हीं नीतियों का अनुमोदन किया, जिसकी सिफ़ारिश उनके उत्तरदायी मंत्रियों ने की।
ड्यूक ऑफ़ कनाट महारानी विक्टोरिया का पुत्र और इंग्लैंण्ड के राजघराने का प्रमुख सदस्य था।
फिर भी उन्होंने भारतीयों के बीच बड़ी लोकप्रियता अर्जित की है।
सम्मान
महारानी विक्टोरिया के भारत की सम्राज्ञी नियुक्त होने की खुशी में दो स्थानों हरदोई में विक्टोरिया मेमोरियल हरदोई तथा कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता भवनों का निर्माण किया गया।
सुल्तानपुर में महारानी विक्टोरिया की याद में उनकी पहली जयन्ती पर ‘सुंदर लाल मेमोरियल हॉल’ का निर्माण करवाया गया था। वर्तमान समय में इसे विक्टोरिया मंज़िल के नाम से जाना जाता है।
मृत्यु
महारानी विक्टोरिया की मृत्यु 22 जनवरी 1901 ई. में हुआ।
उनकी मृत्यु पर पूरे भारत में शोक मनाया गया।
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