शूटर दादी चंद्रो की जीवनी – Shooter Dadi Chandro Biography in Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको शूटर दादी चंद्रो की जीवनी – Shooter Dadi Chandro Biography in Hindi के बारे में बताएगे।

शूटर दादी चंद्रो की जीवनी – Shooter Dadi Chandro Biography in Hindi

शूटर दादी चंद्रो की जीवनी
शूटर दादी चंद्रो की जीवनी

 (Shooter Dadi Chandro)शूटर दादी चंद्रो अंतरराष्ट्रीय शूटर थी।

शूटर दादी चंद्रो तोमर ने निशानेबाजी में 30 से ज्यादा मेडल जीते थे।

शूटर दादी चंद्र तोमर और प्रकासी तोमर के जीवन पर 2019 में पिक्चर बनी थी।

फिल्म के निर्माता अनुराग कश्यप ने दादियों के जीवन पर सांड की आंख नाम से पिक्चर बनाई थी।

पिछले कई दिनों से शूटर दादी चंद्रो तोमर मेरठ के अस्पताल में भर्ती थी जहां उनका कोरोना बीमारी का इलाज चल रहा था।शूटर दादी को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण आज यानि 30 अप्रैल 2021 को उनकी मौत हो गई।

संक्षिप्त विवरण

नाम शूटर दादी चंद्रो (Shooter Dadi Chandro) (शूटर दादी और रिवॉल्वर दादी)
पूरा नाम चंद्रो तोमर
जन्म 1 जनवरी 1932
जन्म स्थान शामली के गांव मखमूलपुर
पति का नाम भंवर सिंह
बच्चे
6
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
30 अप्रैल 2021
मृत्यु कारण
कोरोना के कारण

जन्म – शूटर दादी चंद्रो की जीवनी

शूटर दादी चंद्रो का जन्म 1 जनवरी 1932 को शामली के गांव मखमूलपुर में हुआ था।

16 साल की उम्र में जौहड़ी के किसान भंवर सिंह से उनकी शादी हो गई।

शूटर दादी चंद्रो का पूरा नाम चंद्रो तोमर था।

जो कि यूपी के बागपत जिले में गांव जोहड़ी की रहने वाली थी।

6 बच्चों और 15 पोते-पोती वाली ये दादी रिवाल्वर चलाने में माहिर हैं।

मेडल

90 साल की सबसे वयोवृद्ध शूटर दादी चंद्रो तोमर ने निशानेबाजी में 30 से ज्यादा मेडल जीते थे।

जिनमें नेशनल और राज्य स्तर की प्रतियोगिता जीतकर उन्होंने गोल्ड सिल्वर पदक हासिल कर बागपत और यूपी का नाम रोशन किया था।

निशानेबाजी की प्रेक्टिस

पहली बार चंद्रों ने निशानेबाजी की प्रेक्टिस 65 साल की उम्र में शुरू की थी। उन्होंने ये साबित किया कि कुछ नया करने के लिए उम्र नहीं देखी जाती।

दरअसल, साल 2001 में चंद्रों अपनी पोती को गांव की ही शूटिंग रेंज में शूटिंग सिखाने जाती थी। एक दिन पोती ने कहा कि दादी आप भी निशाना लगा कर देखो। चंद्रों ने 2-3 निशाने एक दम सही लगाए।

जब राइफल क्लब के कोच ने दादी को यू शूटिंग करते देखा तो वह दंग रह गए। इसके बाद उन्होंने शूटर दादी को शूटर बनने की ट्रेनिंग दी।

सटीक निशाने लगाने के बाद दादी ने निशानेबाजी में ध्यान देना शुरू किया। देखते ही देखते उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और साथ ही कई पदक भी जीते।

इसी बीच शूटर दादी को समाज के कई तानें भी सुनने पड़े। गांव वाले उनका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि बुढ़िया इस उम्र मे कारगिल जाएगी क्या? लेकिन उन्होंने किसी की बातों पर ध्यान नहीं दिया।

आज सारी दुनिया उनके इस फैसले की नतीजा देख रही है। उनका लक्ष्य हमेशा शूटिंग ही रहा है। वह 25 मी. तक का निशाना लगा चुकी हैं।

2019 में शूटर दादी पर बनी थी फिल्म

शूटर दादी चंद्र तोमर और प्रकासी तोमर के जीवन पर 2019 में पिक्चर बनी थी।

फिल्म के निर्माता अनुराग कश्यप ने दादियों के जीवन पर सांड की आंख नाम से पिक्चर बनाई थी।

इस फिल्‍म में तापसी पन्‍नू और भूमि पेडनेकर मुख्‍य भूमिका में हैं।

यह शार्पशूटर चंद्रो और प्रकाशी तोमर के जीवन पर आधारित है।

फिल्‍म की शूटिंग बागपत में 10 फरवरी 2019 को शुरू हुई थी।

कुछ हिस्सों को हस्तिनापुर और मवाना में भी फिल्माया गया है।

अक्तूबर 2019 मे फिल्म सिनेमा घरो मे लग गयी थी | इसे लोगों ने काफी पसंद भी किया |

मृत्यु – शूटर दादी चंद्रो की जीवनी

इंटरनेशनल शूटर दादी चंद्रो तोमर का कोरोना के कारण 30 अप्रैल 2021 को निधन हो गया है।

उन्होने मेरठ के आनंद अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली।

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