राकेश शर्मा की जीवनी – Rakesh Sharma Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको राकेश शर्मा की जीवनी – Rakesh Sharma Biography Hindi के बारे में बताएगे।

राकेश शर्मा की जीवनी – Rakesh Sharma Biography Hindi

राकेश शर्मा की जीवनी - Rakesh Sharma Biography Hindi

राकेश शर्मा भारत के पहले अन्तरिक्ष यात्री है।

वे अंतरिक्ष मे जाने वाले भारत के 1 ओर विश्व के 138वें व्यक्ति थे।

उन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा के बाद वे एयरफोर्स में शामिल हो गए।

सितंबर 1982 में अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चुने गए।

2 अप्रैल 1984 को सोवियत  रॉकेट सोयूज टी-11 के जरिये अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए और सेल्यूट -7 अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे। जहां करीब 8 दिन बिताए। उन्हे भारत सरकार ने अशोक चक्र और सोवियत संघ ने हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन सम्मान से नवाजा जा चुका है।

जन्म

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पटियाला, पंजाब में हुआ था।

शिक्षा – राकेश शर्मा की जीवनी

राकेश शर्मा ने अपनी सैनिक शिक्षा राकेश ने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।

वे पायलट बनना चाहते थे। भारतीय वायुसेना द्वारा राकेश शर्मा टेस्ट पायलट भी चुन लिए गए थे, लेकिन ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। 20 सितम्बर, 1982 को ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) ने उन्हें सोवियत संघ (उस वक्त) की अंतरिक्ष एजेंसी इंटरकॉस्मोस के अभियान के लिए चुन लिया।

करियर

1966 में एनडीए पास कर इंडियन एयर फोर्स कैडेट बने राकेश शर्मा ने 1970 में भारतीय वायु सेना को ज्वाइन कर लिया। फिर यहीं से इनकी किस्मत ने यू-टर्न लिया। मात्र 21 साल की उम्र में ही भारतीय वायु सेना में शामिल होने का बाद राकेश आगे बढ़ते गए। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान राकेश शर्मा ने अपने विमान “मिग एअर क्रॉफ्ट” से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

इसी युद्ध के बाद से राकेश शर्मा चर्चा में आए और लोगों ने उनकी योग्यता की जमकर तारीफ की।

शर्मा ने दिखा दिया था कि कठिन परिस्थितियों में भी किस तरह शानदार काम किया जा सकता है।

1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत संघ के इंटरकॉसमॉस कार्यक्रम के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा आठ दिन तक अंतरिक्ष में रहे।

ये उस समय भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर और विमानचालक थे।

2 अप्रैल 1984 को सोवियत  रॉकेट सोयूज टी-11 के जरिये अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए और सेल्यूट -7 अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे। जहां करीब 8 दिन बिताए। इस उड़ान में और सेल्यूट-7 अंतरिक्ष केंद्र में उन्होंने उत्तरी भारत की फोटोग्राफी की और गुरूत्वाकर्षण-हीन योगाभ्यास किया।

वे अंतरिक्ष मे जाने वाले भारत के 1 ओर विश्व के 138वें व्यक्ति थे

उनकी अन्तरिक्ष उड़ान के दौरान भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि ऊपर से अन्तरिक्ष से भारत कैसा दिखता है।

राकेश शर्मा ने उत्तर दिया- “सारे जहाँ से अच्छा”।

धरती से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का यह सवाल और अंतरिक्ष में रूसी अंतरिक्ष यान से भारत के अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के इस जवाब ने हर हिन्दुस्तानी को रोमांचित कर दिया था।नवम्बर, 2006 में राकेश शर्मा ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) की समिति में भी सदस्य रूप में शामिल थे।

इस समिति ने नए भारतीय अंतरिक्ष उडा़न कार्यक्रम को अनुमति दी थी।

अब बेंगलुरु में रहने वाले राकेश शर्मा ऑटोमेटेड वर्कफ़्लोर कम्पनी के बोर्ड चेयमैन की हैसियत से काम कर रहे हैं।

पुरस्कार – राकेश शर्मा की जीवनी

उन्हे भारत सरकार ने अशोक चक्र और सोवियत संघ ने हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन सम्मान से नवाजा।

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