आज इस आर्टिकल में हम आपको अमित शाह की जीवनी – Amit Shah Biography Hindi के बारे में बताएगे।
अमित शाह की जीवनी – Amit Shah Biography Hindi
अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान भारत के गृह मंत्री हैं।
उन्होने 1 जून 2019 को गृह मंत्री के रूप में पद ग्रहण किया।
अमित शाह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर की और वे 1986 में भाजपा में शामिल हुए। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल में गृहमंत्री के पद पर रहते हुए अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया और जम्मू और कश्मीर के साथ राज्य का पुनर्गठन भी किया जो एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में कार्य कर रहा था और लद्दाख क्षेत्र एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अलग हो गया।
इससे उनके अडिग और निर्भय स्वभाव का पता चलता है।
जन्म
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में था।
उनके पिता का नाम अनिलचंद्र शाह तथा उनकी माता का नाम कुसुम्बेन शाह था।
उनका जन्म एक गुजराती हिंदू वैष्णव बनिया परिवार था। उनका गाँव पाटण जिले के चँन्दूर में है।
उनका जन्म का नाम अमितभाई अनिलचन्द्र शाह है।
उनकी छह बहनें, जिनमें से दो शिकागो में विदेश में रहती हैं।
1987 में उनका विवाह सोनल शाह के साथ हुआ।
उनका एक बेटा है जिनका नाम जय शाह तथा उनकी पुत्रवधू का नाम हर्षिता शाह है।
अमित शाह जी अपनी माँ के बेहद करीब थे,जिनकी मृत्यु उनकी गिरफ्तारी से एक माह पूर्व 8 जून 2010 को एक बीमारी से हो गयी।
उनके पुत्र जय ने निरमा विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की, और गुजरात चेस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव रहे हैं।
शिक्षा – अमित शाह की जीवनी
अमित शाह ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा मेहसाणा में प्राप्त की।
इसके बाद वे बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए अहमदाबाद चले गए, वहां से उन्होने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की, उसके बाद उन्होने अपने पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए। राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे।
वे बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे।
1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाक़ात नरेंद्र मोदी से हुयी।
1983 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और इस तरह उनका छात्र जीवन में राजनीतिक रुझान बना।
करियर
1983 से 1999 तक
- वर्ष 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े थे और यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ था।
- अमित शाह ने नरेंद्र मोदी से एक वर्ष पहले यानी वर्ष 1986 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया।
- वर्ष 1987 में अमित शाह भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने।
- अमित शाह को वर्ष 1991 में पहला बड़ा राजनीतिक मौका उस समय मिला, जब लालकृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला।
- इसी तरह का मौका 1996 में भी अमित शाह के पास आया।
- जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया।
- मोदी के कहने पर उस चुनाव की पूरी जिम्मेदारी फिर से अमित शाह को ही सौंपी गई। उस समय वाजपेयी पूरे देश में पार्टी का प्रचार कर रहे थे।
- उन्होंने अपने क्षेत्र में न के बराबर समय दिया। पूरा दारोमदार अमित शाह ने अपने कंधे पर उठाया।
- वर्ष 1997 में मोदी ने सरखेज के उपचुनाव में अमित शाह को उतारने की सलाह दी।
- अमित शाह फरवरी 1997 में उपचुनाव जीतकर विधायक बने और वर्ष 1998 के चुनाव में अपनी सीट बरकरार रखी।
- वर्ष 1999 में अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए।
1999 से 2019 तक
- वर्ष 1997 से 2012 तक वो सरखेज से विधायक रहे और वर्ष 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट बने।
- इसके बाद वर्ष 2013 में अमित शाह नरनपुरा से विधायक चुने गए।
- वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के पद छोड़ने के बाद GCA के प्रेसिडेंट बने।
- उन्होंने वर्ष 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाला।
- 2002 में नरेंद्र मोदी की सरकार में सबसे कम उम्र के अमित शाह को गृह (राज्य) मंत्री बनाया गया।
- अभी तक अमित शाह ने कुल 42 छोटे-बड़े चुनाव लड़े लेकिन उनमें से एक में उन्होंने हार का सामना नहीं किया।
- सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ के मामले में अमित शाह को 2010 में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला खुद उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा ने किया।
- 2014 लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी प्रभारी रहे, जिसमें उन्होंने पार्टी को शानदार सफलता दिलवाई।
- 9 जुलाई 2014 को बीजेपी के अध्यक्ष चुने गए।
- 2017 में उन्हें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में पार्टी के भूस्खलन और गुजरात के पार्टी के साथ आंशिक रूप से श्रेय दिया गया था, जिसमें उस वर्ष मणिपुर में पार्टी की मजबूत शुरुआत हुई थी, लेकिन अकाली-भाजपा गठबंधन ने बड़ा पंजाब।से सत्ता खो दी थी
- 2018 में पार्टी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में सत्ता खो दी।
- अगले साल, 2019 के भारतीय आम चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल करने के लिए 303 सीटें जीतीं, जिससे अमित शाह सबसे सफल भाजपा अध्यक्ष बन गए।
- शाह ने 30 मई 2019 को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
- उन्होने 1 जून 2019 को गृह मंत्री के रूप में पद ग्रहण किया।
विवाद
- 2010 में उन्हें हत्या और जबरन वसूली जैसे आरोपों के लिए गिरफ्तार किया गया, और जिसकी वजह से उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने की संभावना ख़तम हो गई, उनके गुजरात में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई,लेकिन 2012 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात में प्रवेश करने की अनुमति दे दी।
- उनके ऊपर “फर्जी एनकाउंटर मामले” के आरोप भी लाग चुके हैं। सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और उनके दोस्त तुलसीराम प्रजापति की हत्याओं में भी अमित शाह आरोपित रहे हैं। सीबीआई ने कहा कि दो राजस्थानी व्यवसायियों (Businessman) ने सोहराबुद्दीन से छुटकारा पाने के लिए अमित शाह को भुगतान किया था।
- वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सबूतों को नष्ट करने और और गवाहों को प्रभावित करने का आरोप भी अमित शाह पर लगा। इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले में अमित शाह का नाम आया उनके ऊपर आरोप था की उन्होंने गैर क़ानूनी तरीके से
एक महिला की जासूसी करवाई।
ऐतिहासिक फैसला – अमित शाह की जीवनी
5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल में गृहमंत्री के पद पर रहते हुए अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया और जम्मू और कश्मीर के साथ राज्य का पुनर्गठन भी किया जो एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में कार्य कर रहा था और लद्दाख क्षेत्र एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अलग हो गया। इससे उनके अडिग और निर्भय स्वभाव का पता चलता है।
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