आधुनिक मीरा के नाम से पहचाने जाने वाली महादेवी वर्मा एक सफल कवित्री रही है. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने उन्हें हिंदी के विशाल मंदिर के सरस्वती भी कहा है. महादेवी वर्मा प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्य भी रह चुकी है. आज इस आर्टिकल में हम आपको महादेवी वर्मा की जीवनी – Mahadevi Verma Biography Hindi के बारे में बताने जा रहे हैं.
महादेवी वर्मा की जीवनी
जन्म
महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1960 में फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ. उनके परिवार में लगभग 200 साल के बाद में पहली बार पुत्री ने जन्म लिया था, जिसकी वजह से बाबा बाबू बांके बिहारी ने उन्हें घर की देवी कहते हुए महादेवी नाम रखा. उनके पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा और उनकी माता का नाम हेमरानी देवी था .उनके पिता कॉलेज में एक अध्यापक थे.
शिक्षा
महादेवी वर्मा की शिक्षा इंदौर के मिशन स्कूल से शुरू हुई थी. इसके साथ-साथ उन्होंने संस्कृत, अंग्रेजी, संगीत, चित्रकला आदि की शिक्षा प्राप्त की. शादी के बाद में उन्होंने क्रास्थवेट कॉलेज इलाहाबाद में प्रवेश लिया और हॉस्टल में रहने लगी. महादेवी वर्मा ने आठवीं कक्षा में पूरे राज्य भर में पहला स्थान प्राप्त किया. उसके बाद में उनका काव्य जीवन शुरू हो गया. वैसे वह 7 वर्ष की आयु में ही कविताएं लिखने लगी थी और जब तक दसवीं कक्षा उन्होंने पास की तब तक वह एक सफल कवित्री बन चुकी थी. उसके बाद में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में MA पास की.
महादेवी की कविताएं
- नीहार
- रश्मि
- नीरजा
- सांध्यगीत
- दीपशिखा
- सप्तपर्णा
- प्रथम आयाम
- अग्निरेखा
- ठाकुरजी भोले हैं
- आज खरीदेंगे हम ज्वाला
- आत्मिका
- परिक्रमा
- सन्धिनी
- यामा
- गीतपर्व
- दीपगीत
- स्मारिका
- नीलांबरा
- आधुनिक कवि महादेवी
महादेवी वर्मा द्वारा लिखी अन्य कृति
- अतीत के चलचित्र
- स्मृति की रेखाएं
- पथ के साथी
- मेरा परिवार
- संस्मरण
- संभाषण
- शृंखला की कड़ियाँ
- विवेचनात्मक गद्य
- साहित्यकार की आस्था
- संकल्पिता
- क्षणदा
- गिल्लू
- हिमालय
सम्मान और पुरस्कार
- सेकसरिया पुरस्कार
- दिवेदी पदक
- मंगला प्रसाद पुरस्कार
- भारत भारती पुरस्कार
- पदम भूषण पुरस्कार
- साहित्य अकादमी फेलोशिप
- ज्ञान पुरस्कार
- पद्म विभूषण
निधन
महादेवी वर्मा का निधन 11 सितंबर 1987 को प्रयाग में हुआ था