आज इस आर्टिकल में हम आपको आर. के. लक्ष्मण की जीवनी – R. K. Laxman Biography Hindiके बारे में बताएगे।
आर. के. लक्ष्मण की जीवनी – R. K. Laxman Biography Hindi
आर. के. लक्ष्मण एक प्रसिद्ध व्यंग चित्रकार थे।
उन्होने आम आदमियों की आशाओं, जरूरतों, मुश्किलों और कमियों को एक कार्टून चरित्र के जरिये बताने की कोशिश की।
जिसका नाम था कॉमन मैन। गाइड जैसे मशहूर उपन्यास की रचना करने वाले आर. के. नारायण उनके बड़े भाई थे।
भारत सरकार ने उन्हे 1973 में पद्म भूषण और 2005 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा गया।
जन्म
आर. के. लक्ष्मण का जन्म 24 अक्टूबर 1921 को मैसूर, कर्नाटक में हुआ था।
उनका पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण था। उनके पिता स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त थे।
गाइड जैसे मशहूर उपन्यास की रचना करने वाले आर. के. नारायण उनके बड़े भाई थे।
लक्ष्मण का पहला विवाह भारतनाट्यम नर्तकी और फ़िल्म अभिनेत्री कुमारी कमला लक्ष्मण के साथ हुआ।
कुमारी कमला ने अपना फ़िल्मी करियर बाल-कलाकार के रूप में आरम्भ किया था।
उनके तलाक के समय तक उनकी कोई सन्तान नहीं थी जिसके कारण लक्ष्मण ने दूसरा विवाह कर लिया।
उनकी दुसरी पत्नी का नाम भी कमला लक्ष्मण ही था और वो एक लेखिका तथा बाल-पुस्तक लेखिका थीं।
लक्ष्मण ने “द स्टार आई नेवर मेट” नामक कार्टून शृंखला और फ़िल्म पत्रिका फिल्मफेयर में अपनी दूसरी पत्नी कमला लक्ष्मण का “द स्टार आई ऑनली मेट” शीर्षक से कार्टून चित्रित किया।
दम्पति के एक पुत्र हुआ।
शिक्षा
आर. के. लक्ष्मण ने अपनी शुरुआती सर जमशेदजी जीजेभॉय स्कूल ऑफ आर्ट से प्राप्त की।
इसके बाद उन्होने महाराजा कॉलेज, मैसूर से उच्च प्र्रप्त की।
बी.ए. के बाद उन्होंने ‘मैसूर विश्वविद्यालय’ में पढ़ते हुए फ्रीलांस कलाकार के रूप में ‘स्वराज अख़बार’ के लिए कार्टून बनाने शुरू किए, जिससे उन्हें बहुत ख्याति मिली। साथ ही एनिमेटेड फ़िल्मों में भी लक्ष्मण ने मिथकीय पात्र ‘नारद’ का चित्रांकन किया। आर. के. लक्ष्मण की जीवनी – R. K. Laxman Biography Hindi
करियर – आर. के. लक्ष्मण की जीवनी
लक्ष्मण का प्रारम्भिक कार्य स्वराज्य और ब्लिट्ज़ नामक पत्रिकाओं सहित समाचार पत्रों में रहा।
उन्होंने मैसूर महाराजा महाविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण कि कहानियों को द हिन्दू में चित्रित करना आरम्भ कर दिया तथा स्थानीय तथा स्वतंत्र के लिए राजनीतिक कार्टून लिखना आरम्भ कर दिया।.
लक्ष्मण कन्नड़ हास्य पत्रिका कोरवंजी में भी कार्टून लिखने का कार्य किया। यह पत्रिका 1942 में डॉ॰ एम॰ शिवरम स्थापित की थी, इस पत्रिका के संस्थापक एलोपैथिक चिकित्सक थे तथा बैंगलोर के राजसी क्षेत्र में रहते थे।
उन्होंने यह मासिक पत्रिका विनोदी, व्यंग्य लेख और कार्टून के लिए यह समर्पित की।
शिवरम अपने आप में प्रख्यात कन्नड हास्य रस लेखक थे। उन्होंने लक्ष्मण को भी प्रोत्साहित किया।
लक्ष्मण ने मद्रास के जैमिनी स्टूडियोज में ग्रीष्मकालीन रोजगार आरम्भ कर दिया। उनका प्रथम पूर्णकालिक व्यवसाय मुम्बई की द फ्री प्रेस जर्नल के राजनीतिक कार्टूनकार के रूप में की थी।
इस पत्रिका में बाल ठाकरे उनके साथी काटूनकार थे। लक्ष्मण ने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, बॉम्बे से जुड़ गये तथा उसमें लगभग पचास वर्षों तक कार्य किया। उनका “कॉमन मैन” चरित्र प्रजातंत्र के साक्षी के रूप में चित्रित हुआ।
पुस्तकें
- दि एलोक्वोयेन्ट ब्रश
- द मेसेंजर
- होटल रिवीयेरा
- सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया
- टनल टु टाइम (आत्मकथा)
- द बेस्ट ऑफ़ लक्षमण सीरीज
पुरस्कार
- भारत सरकार ने उन्हे 1973 में पद्म भूषण अवॉर्ड से नवाजा गया।
- भारत सरकार ने आरके लक्ष्मण को 2005 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
- डाक विभाग ने “कॉमन मैन” पर 1988 में एक डाक टिकट भी जारी किया था।
- पुणे में 2001 में “कॉमन मैन” की आठ फ़ीट की एक प्रतिमा लगाई गई थी।
मृत्यु – आर. के. लक्ष्मण की जीवनी
आर. के. लक्ष्मण का 26 जनवरी, 2015 को 94 वर्ष की उम्र में पुणे में निधन हो गया।
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