आज इस आर्टिकल में हम आपको यशोवर्धन बिड़ला की जीवनी – Yashovardhan Birla Biography Hindi के बारे में बताएगे।
यशोवर्धन बिड़ला की जीवनी – Yashovardhan Birla Biography Hindi
यशोवर्धन बिड़ला यश बिड़ला समूह मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित भारतीय औद्योगिक समूह के अध्यक्ष है, तथा घनश्याम दास बिड़ला के परपोते है।
घनश्याम दास बिड़ला ने 1943 में यूको बैंक की स्थापना की थी।
लेकिन आज कोलकत्ता के यूको बैंक ने उनके परपोते को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।
यश बिड़ला के ग्रुप की एक कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड द्वारा 67 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने के चलते उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है। बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर बताते हुए, बैंक ने कहा कि कंपनी के पास 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट थी, जिसका 67 करोड़ रुपये से ज्यादा ब्याज बाकी था। इस लोन को 2013 में एक नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट के तौर पर क्लासिफाई किया गया था। यशोवर्धन बिड़ला को यूको बैंक द्वारा कई नोटिस जारी किए जाने के बावजूद बकाया भुगतान न करने पर विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया गया है।
जन्म
यशोवर्धन बिड़ला के पिता का नाम अशोक बिड़ला है तथा वे घनश्याम दास बिड़ला के भाई रामेश्वर दास बिड़ला परपोते है।
करियर – यशोवर्धन बिड़ला की जीवनी
यश बिड़ला ने 23 साल की उम्र में उस समय पारिवार का कारोबार संभाला जब बेंगलुरू में एक एयर क्रैश में उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई।
कई सालों तक ग्रुप का संचालन सलाहकारों ने किया।
बिड़ला श्लोका एजुटेक के तहत यह ग्रुप कई चैरिटेबल संस्थान और स्कूल का संचालन भी करता है।
खास बात है कि कोलकाता के इस बैंक की स्थापना यश बिड़ला के परदादा घनश्याम दास बिड़ला ने की थी।
जी डी बिड़ला के भाई रामेश्वर दास बिड़ला, अशोक बिड़ला के दादा थे।
यश बिड़ला उन्हीं अशोक बिड़ला के पुत्र हैं.
विलफुल डिफॉल्टर की घोषणा
कोलकाता के यूको बैंक ने यशोवर्धन बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। यश बिड़ला के ग्रुप की एक कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड द्वारा 67 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने के चलते उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है।
बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर बताते हुए, बैंक ने कहा कि कंपनी के पास 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट थी, जिसका 67 करोड़ रुपये से ज्यादा ब्याज बाकी था। इस लोन को 2013 में एक नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट के तौर पर क्लासिफाई किया गया था।
अगर किसी प्रमोटर को किसी कर्जदाता द्वारा विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है तो न केवल उसके मौजूदा बिजनेस, बल्कि किसी भी कंपनी जिसमें वह डायरेक्टर है, उसे फंडिंग नहीं मिल सकती।
संकट में ग्रुप की ज्यादातर कंपनियां – यशोवर्धन बिड़ला की जीवनी
बिड़ला सूर्या कंपनी ने मल्टी-क्रिस्टैलिन सोलर फोटोवॉल्टाइक सेल्स के निर्माण के उद्देश्य से बैंक से लोन लिया था।
ग्रुप के पास एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां हैं जिनमें जेनिथ स्टील, बिड़ला पावर, बिड़ला लाइफ स्टाइल और श्लोका इन्फोटेक जैसी कंपनियां शामिल हैं।
अधिकतर कंपनियां घाटे में चल रही हैं और कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।
कंपनी को पिछले साल भी परेशानी का सामना करना पड़ा था
जब ग्रुप की तीन कंपनियों- बिड़ला कोटसिन, बिड़ला श्लोका एजुटेक और जेनिथ बिड़ला पैसे के लेन-देन को
लेकर जांच के घेरे में आ गईं थीं।
यह जांच जब फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों द्वारा अपने पैसे वापस न मिलने की शिकायत के बाद शुरू हुई थी।
विलफुल डिफॉल्टर कौन होता है?
बैंकर्स के मुताबिक किसी कर्जदार को विलफुल डिफॉल्टर घोषित करना एक ऐसी प्रक्रिया है
जिसमें उन्हें अपनी स्थिति को पेश करने का पर्याप्त मौका मिलता है।
किसी कर्जदार को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ तब बताया जाता है जब वह जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाता।
यानि, उसके पास कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त संसाधन है, फिर भी लोन रीपेमेंट नहीं कर रहा।
इसके अलावा कर्जदाता को बिना बताए ऐसेट्स की बिक्री और पैसे को दूसरे कामों में लगाने के चलते
भी किसी व्यक्ति को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जाता है।
कोलकाता के यूको बैंक ने यशोवर्धन बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।
यश बिड़ला के ग्रुप की एक कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड द्वारा 67 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने के चलते उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है।बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर बताते हुए, बैंक ने कहा कि कंपनी के पास 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट थी, जिसका 67 करोड़ रुपये से ज्यादा ब्याज बाकी था। इस लोन को 2013 में एक नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट के तौर पर क्लासिफाई किया गया था।
अगर किसी प्रमोटर को किसी कर्जदाता द्वारा विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है
तो न केवल उसके मौजूदा बिजनेस, बल्कि किसी भी कंपनी जिसमें वह डायरेक्टर है, उसे फंडिंग नहीं मिल सकती.