कर्णम मल्लेश्वरी की जीवनी – Karnam Malleswari Biography Hindi

आज हम आपको इस आर्टिकल में कर्णम मल्लेश्वरी की जीवनी – Karnam Malleswari Biography Hindi के बारे में बताएंगे

कर्णम मल्लेश्वरी की जीवनी – Karnam Malleswari Biography Hindi

कर्णम मल्लेश्वरी की जीवनी

कर्णम मल्लेश्वरी भारत की महिला वेललिफ्ट है।

मल्लेश्वरी ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी है।

विश्व चैंपियन में तीन बार कांस्य पदक पर कब्जा किया।

लेकिन उनको सबसे बड़ी कामयाबी 2000 के सिडनी ओलंपिक में मिली।

 

जन्म – कर्णम मल्लेश्वरी की जीवनी

कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म 1 जून 1975 को श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश में हुआ था।

मल्लेश्वरी के पिता का नाम रामदास है, जो रेलवे सुरक्षा बल (आर. पी. एफ.) में कांस्टेबल हैं।

साधारण रेलवे हैड कांस्टेबल की चार बेटियों में से दूसरे नम्बर की मल्लेश्वरी का बचपन बहुत ग़रीबी में बीता। बहनें बहुत सुबह ही रेल की पटरियों पर कोयला बीनने निकल पड़ती थीं।

मल्लेश्वरी जब केवल 9 साल की थीं, तब वह अपनी बड़ी बहन नरसम्मा के साथ जिम जाती थीं।

तभी उनकी रुचि खेलों में उत्पन्न हुई। वैसे 1989 में मानचेस्टर में विश्व चैंपियनशिप में तथा बीजिंग एशियन खेलों में वह भी 20 सदस्यी टीम के साथ भाग लेने गई थीं।

मल्लेवरी की छोटी बहन कृष्णा कुमारी भी राष्ट्रीय स्तर की वेटलिफ्टर हैं। मल्लेश्वरी का विवाह हरियाणा के यमुना नगर के राजेश त्यागी से हुआ है।

करियर

  • कर्णम मल्लेश्वरी ने अपने करियर की शुरुआत जूनियर वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप से की। उन्होने वहां पर नंबर 1 के पायदान पर कब्जा किया।
  • 1992 के एशियन चैंपियनशिप में मल्लेश्वरी ने तीन रजत पदक जीते।  वैसे तो उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में 3 कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया।
  • लेकिन उन को सबसे बड़ी जीत 2000 में सिडनी ओलंपिक में मिली। वहां पर उन्होंने कांस्य पदक पर कब्जा किया और उसी पदक के साथ वें ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनी।

पुरस्कार

  • 1994 में कर्णम मल्लेश्वरी को ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया
  • 1995 में ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ से नवाजा गया खेल रत्न से नवाजा गया
  • 1999 में उन्हें ‘पदम श्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया

उपलब्धियां – कर्णम मल्लेश्वरी की जीवनी

  • 1990-1991 में 52 किलो वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन बनीं।
  • 1992 से 98 तक 54 किलो (शारीरिक वजन) वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन बनीं।
  • 1994 के एशियाई चैंपियनशिप मुकाबलों में कोरिया में 3 स्वर्ण पदक जीते।
  • इस्ताबूंल में 1994 के विश्वचैंपियनशिप में 2 स्वर्ण व एक रजत पदक जीता।
  • दक्षिण कोरिया में 1995 के एशियाई चैंपियनशिप के 54 किलो वर्ग में 3 स्वर्ण पदक जीते।
  • चीन में 1995 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते।
  • 1996 में जापान में एशियाई प्रतियोगिता में एक स्वर्ण पदक जीता।
  • 1997 के एशियाई खेलों में 54 किलो वर्ग में रजत पदक जीता।
  • 1998 के बैंकाक एशियाई खेलों में 63 किलो वर्ग में रजत पदक जीता।
  • 2000 में ओसका एशियाई चैंपियनशिप में 63 किलो वर्ग में मल्लेश्वरी ने स्वर्ण जीता, लेकिन अंततः कुल मिलाकर तृतीय स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा।
  • खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार ‘अर्जुन पुरस्कार’ उसे प्रदान किया गया।
  • इसके अगले वर्ष मल्लेश्वरी को ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ दिया गया।
  • उन्हें ‘पद्मश्री पुरस्कार ‘ भी प्रदान किया गया।

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