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कृष्णदत्त सुल्तानपुरी की जीवनी

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे लगातार 6 बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में हिमाचल प्रदेश के शिमला निर्वाचन क्षेत्र से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुने गए थे। सोलन से 1972 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभान के लिए चुने गए। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको कृष्णदत्त सुल्तानपुरी की जीवनी के बारे में बताएगे।

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी की जीवनी

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी की जीवनी
कृष्णदत्त सुल्तानपुरी की जीवनी

जन्म

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी का जन्म 20 अप्रैल 1932 को गाँव सुलल्तानपुर जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम सत्य देवी था।  उनके 2 बेटे और 4 बेटियाँ है।

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करियर

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी राज्य के बीस सूत्री कार्यक्रम और योजना कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष थे। उन्होने ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 50 ग्राम बोहली के ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में की थी। इसके बाद में, वह बड़ोग पंचायत के प्रधान चुने गए और ब्लॉक विकास समिति के सदस्य भी रहे। सुल्तानपुरी जी 1960 के दौरान ज़िला परिषद के उपाध्यक्ष और पंजाब राज्य विपणन समिति के अध्यक्ष भी बनाए गए,1972 में सोलन निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ने से पहले।

इससे पहले, वे एक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के नेता भी थे। हालाँकि, 1977 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर कसौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वे काफी अंतर से चुनाव हार गए।

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी 6 बार 1980,1984,1989,1991,1996 और 1998 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में हिमाचल प्रदेश के शिमला निर्वाचन क्षेत्र से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुने गए थे। सोलन से 1972 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा।

मृत्यु

कृष्णदत्त सुल्तानपुरी की 11 जून 2006 को 74 वर्ष की आयु में शिमला जिले के धरमपुर क्षेत्र में हृदय गति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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