आज इस आर्टिकल में हम आपको उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी – Upendranath Ashk Biography Hindi के बारे में बताएगे।
उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी – Upendranath Ashk Biography Hindi
उपेन्द्रनाथ अश्क निबन्धकार, लेखक, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
उन्होने मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिन्दी में लिखना शुरू किया।
1933 में प्रकाशित उनके दूसरे कहानी संग्रह ‘औरत की फितरत’ की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने ही लिखी थी।
उपेन्द्रनाथ अश्क जी को 1972 में ‘सोवियत लैन्ड नेहरू पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा उन्हे 1965 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
जन्म
उपेन्द्रनाथ अश्क का जन्म 14 दिसंबर 1910 को पंजाब प्रान्त के जालंधर नगर में हुआ था।
उनके पिता का नाम पण्डित माधोराम था और वे रेलवे अधिकारी थे।
शिक्षा
उपेन्द्रनाथ अश्क ने जालंधर से मैट्रिक की और इसके बाद वहीं से डी. ए. वी. कॉलेज से इन्होंने 1931 में बी.ए. की परीक्षा पास की। बचपन से ही अश्क अध्यापक बनने, लेखक और सम्पादक बनने, वक्ता और वकील बनने, अभिनेता और डायरेक्टर बनने और थियेटर अथवा फ़िल्म में जाने के अनेक सपने देखा करते थे।
करियर – उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी
बी.ए. पास करते ही उपेन्द्रनाथ अश्क जी अपने ही स्कूल में अध्यापक बन गये लेकिन 1933 में उसे छोड़ दिया और जीविकोपार्जन के लिए साप्ताहिक पत्र ‘भूचाल’ का सम्पादन किया और एक अन्य साप्ताहिक ‘गुरु घण्टाल’ के लिए प्रति सप्ताह एक रुपये में एक कहानी लिखकर दी। 1934 में अचानक सब छोड़ लॉ कॉलेज में प्रवेश ले लिया और 1936 में लॉ पास किया।
उसी वर्ष लम्बी बीमारी और पहली पत्नी के देहान्त के बाद इनके जीवन में एक अपूर्व मोड़ आया। 1936 के बाद अश्क के लेखक व्यक्तित्व का अति उर्वर युग प्रारम्भ हुआ। 1941 में अश्क जी ने दूसरा विवाह किया। उसी वर्ष ‘ऑल इण्डिया रेडियो’ में नौकरी की। 1945 के दिसम्बर में बम्बई के फ़िल्म जगत के निमंत्रण को स्वीकार कर वहाँ फ़िल्मों में लेखन का कार्य करने लगे।
1947-1948 में अश्क जी निरन्तर अस्वस्थ रहे। पर यह उनके साहित्यिक सर्जन की उर्वरता का स्वर्ण-समय था। 1948 से 1953 तक अश्क जी दम्पत्ति (पत्नी कौशल्या अश्क) के जीवन में संघर्ष के वर्ष रहे। पर इन्हीं दिनों अश्क यक्ष्मा के चंगुल से बचकर इलाहाबाद आये, इन्होंने ‘नीलाभ प्रकाशन गृह’ की व्यवस्था की, जिससे उनके सम्पूर्ण साहित्यिक व्यक्तित्व को रचना और प्रकाशन दोनों दृष्टि से सहज पथ मिला। अश्क जी ने अपनी कहानी, उपन्यास, निबन्ध, लेख, संस्मरण, आलोचना, नाटक, एकांकी, कविता आदि के क्षेत्रों में कार्य किया है।
कृतियाँ
उर्दू के सफल लेखक उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ ने मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। 1933 में प्रकाशित उनके दूसरे कहानी संग्रह ‘औरत की फितरत’ की भूमिका मुंशी प्रेमचंद ने ही लिखी थी। अश्क ने इससे पहले भी बहुत कुछ लिखा था। उर्दू में ‘नव-रत्न’ और ‘औरत की फ़ितरत’ उनके दो कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके थे।
प्रथम हिन्दी संग्रह ‘जुदाई की शाम का गीत’ (1933) की अधिकांश कहानियाँ उर्दू में छप चुकी थीं। जैसा कि अश्क जी ने स्वंय लिखा है, 1936 के पहले की ये कृतियाँ उतनी अच्छी नहीं बनी। अनुभूति का स्पर्श उन्हें कम मिला था। 1936 के बाद अश्क जी की कृतियों में सुख-दु:खमय जीवन के व्यक्तिगत अनुभव से अदभुत रंग भर गया।
‘उर्दू काव्य की एक नई धारा’ (आलोचक ग्रन्थ), ‘जय पराजय’ (ऐतिहासिक नाटक), ‘पापी’, ‘वेश्या’, ‘अधिकार का रक्षक’, ‘लक्ष्मी का स्वागत’, ‘जोंक’, ‘पहेली’ और ‘आपस का समझौता’ (एकांकी), ‘स्वर्ग की झलक’ (सामाजिक नाटक): कहानी संग्रह ‘पिंजरा’ की सभी कहानियाँ, ‘छींटें’ की कुछ कहानियाँ और ‘प्रात प्रदीप’ (कविता संग्रह) की सभी कविताएँ उनकी पत्नी की मृत्यु (1936) के दो ढाई साल के ही अल्प समय में लिखी गई।
नाटक – उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी
नाटक के क्षेत्र में 1937 से लेकर उन्होंने जितनी कृतियाँ सम्पूर्ण नाटक और एकांकी के रूप में लिखी हैं, सब प्राय: अपने लेखनकाल के उपरान्त उसी वर्ष क्रम से प्रकाशित हुई हैं। अश्क जी के नाटक ‘अलग अलग रास्ते’ में विवाह, प्रेम, और सामाजिक प्रतिष्ठा की समस्या को प्रस्तुत किया गया हैं।
वर्तमान समाज में व्यवस्था के चक्र में उलझी दो नारियों के अन्तर्मन में बसने वाली पीड़ा, घायल संस्कार और प्यासी खूंखार प्रवृत्तियों का प्रदर्शन हुआ है। इसमें समय, स्थान और कार्य – सम्पादन की एकता का कलात्मक ढ़ंग से निर्वाह किया हैं।
उल्लेखनीय तथ्य यह हैं कि इस नाटक का आकलन रंगमंच के उपयुक्त बनाने के लिए रंग निर्देशों का सुंदर प्रयोग इसमें हुआ हैं। अलग अलग रास्ते नाटक का मंच बिना किसी अतिरंजना के साथ हुआ हैं जिसके फलस्वरूप नाटक के रस का साधारणीकरण दर्शक या पाठक को सहज ही अनुभूत होती हैं।
रचनाएँ
उपन्यास
- गिरती दीवारें
- शहर में घूमता आईना
- गर्म राख
- सितारों के खेल
कहानी संग्रह
- सत्तर श्रेष्ठ कहानियां
- जुदाई की शाम के गीत
- काले साहब
- पिंजरा
- अआड (?)।
नाटक – उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी
- लौटता हुआ दिन
- बड़े खिलाड़ी
- जय-पराजय
- स्वर्ग की झलक
- भँवर
- अंजो दीदी
एकांकी संग्रह
- अन्धी गली
- मुखड़ा बदल गया
- चरवाहे
काव्य
- एक दिन आकाश ने कहा
- प्रातःप्रदीप
- दीप जलेगा
- बरगद की बेटी
- उर्म्मियाँ
- रिजपर (?)
संस्मरण
- मण्टो मेरा दुश्मन
- फिल्मी जीवन की झलकियाँ
आलोचना
- अन्वेषण की सहयात्रा
- हिन्दी कहानी: एक अन्तरंग परिचय
अनुवाद – उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी
- ‘रंग साज’ (1958)- रूस के प्रसिद्ध कहानीकार ‘ऐंतन चेखव’ के लघु उपन्यास का अनुवाद।
- ‘ये आदमी ये चूहे’ (1950)- स्टीन बैंक के प्रसिद्ध उपन्यास ‘आव माइस एण्ड मैन’ का अनुवाद।
- ‘हिज एक्सेलेन्सी’ (1959)- अमर कथाकार दॉस्त्यॉवस्की के लघु उपन्यास ‘डर्टी स्टोरी’ का हिन्दी अनुवाद।
सम्पादन
- ‘प्रतिनिधि एकांकी’ 1950
- ‘रंग एकांकी’ 1956
- ‘संकेत’ 1953
पुरस्कार
- उपेन्द्रनाथ अश्क जी को 1972 ई. में ‘सोवियत लैन्ड नेहरू पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया था।
- इसके अलावा उपेन्द्रनाथ अश्क को 1965 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
मृत्यु – उपेन्द्रनाथ अश्क की जीवनी
उपेन्द्रनाथ अश्क जी की मृत्यु 19 जनवरी 1996 को हुई थी।
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