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नरेशचंद्र सेठी की जीवनी

आज इस आर्टिकल में हम आपको नरेशचंद्र सेठी की जीवनी के बारे में बताने जा रहे है, नरेशचंद्र सेठी मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री थे, वे केवल 13 दिन के लिए ही मुख्यमंत्री बने। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको नरेशचंद्र सेठी के जीवन के बारे में बताएगे।

नरेशचंद्र सेठी की जीवनी

Naresh-Chand-Singh-sethi-ki-jivani
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जन्म

नरेशचंद्र सेठी के पिता का नाम जवाहीर सिंह रियासतदार थे। उनकी पत्नी  का नाम ललिता देवी था। नरेशचंद्र का एक बेटा और चार बेटियां थी। उनका नाम इस प्रकार है- शिशिर बिंदु सिंह , कमला देवी, रजनीगंधा, पुष्पा और मेनका ।

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करियर

नरेशचंद्र सेठी के पिता का नाम जवाहीर सिंह रियासतदार थे। आजादी के डेढ़साल पहले जनवरी 1946 में जवाहीर जी चल बसे तो उनकी जगह पर नरेशचंद्र सेठी को राजा बनाया गया । 1947 में देश आजाद होने के बाद 1 जनवरी 1948 को राजा नरेशचंद्र ने भी अपनी जनता को आजाद कर दिया। सारंगढ़ का भारतीय संघ में विलय कर दिया और उन्होने कांग्रेस जॉइन कर ली। अपनी जनता के नेतृत्व 1952 में चुनाव लड़े । माने सारंगढ़ विधानसभा से विधायक बने। उस समय मध्यप्रदेश अस्तित्व में भी नहीं आया था। ये मध्य प्रांत था। उस समय वहाँ के मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल बने। नरेशचंद्र सेठी को कैबिनेट मंत्री बनाया। उनका बिजली और पीडब्ल्यूडी विभाग था। 1954 में एक कमेटी बनी जिसका काम था आदिवासियों के कल्याण के लिए अलग से विभाग बनानाऔर उसका नाम आदिवासी कल्याण विभाग रखा गया। नरेशचंद्र 1955 में इस विभाग के मंत्री बने और 1967 तक संविद सरकार बनने तक रहे । फिर इसके गिरने पर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। 12 मार्च 1969 को गोविंद नारायण सिंह ने इस्तीफा देने के बाद 13 मार्च को नरेशचंद्र सेठी को मुख्यमंत्री बने लेकिन उसके 13वें दिन ही यानि 25 मार्च 1969 को उन्हें पद छोड़ना पड़ा।

नरेश जी के सियासत छोड़ने के बाद भी उनका परिवार इसमें लगातार कायम रहा। 1969 में उनके इस्तीफे के चलते पुसौर विधानसभा खाली हुई। यहां उपचुनाव में उनकी पत्नी ललिता देवी निर्विरोध चुन ली गईं। नरेशचंद्र की पांच औलादों में से चार बेटियां थी। इनमें से तीन राजनीति में आईं। बड़ी बेटी कमला देवी 1971 से 1989 तक विधायक के साथ ही मंत्री रहीं। दूसरी, रजनीगंधा और तीसरी पुष्पा लोकसभा सदस्य रहीं। चौथी, मेनका समाजसेवा में हैं। नरेश के बेटे शिशिर बिंदु सिंह भी एक बार विधायक रहे।

मृत्यु

11 सितंबर 1987 नरेशचंद्र सेठी की मृत्यु हो गई।

आज इस आर्टिकल में हमने आपको नरेशचंद्र सेठी की जीवनी के बारे में बताया इसको लेकर अगर आपका कोई सुझाव या कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट कर सकते है.

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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