औमप्रकाश चौटाला भारत के प्रांत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वे पूर्व उप-प्रधानमन्त्री चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। वे हरियाणा राज्य के 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको औमप्रकाश चौटाला की जीवनी -Om Prakash Chautala Biography Hindi के बारे में बताएगे।
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औमप्रकाश चौटाला की जीवनी -Om Prakash Chautala Biography Hindi
जन्म
औमप्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1936 को डबवाली, सिरसा, हरियाणा के चौटाला नामक गाँव में हुआ। उनका जन्म सिहाग गोत्र के एक जाट परिवार में हुआ। चौटाला भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री। उनके पिता का नाम चौधरी देवीलाल है। उनके दो बेटे अजय व अभय और एक बेटी सुनीता है। उनके पुत्र अभय ऐलनाबाद और उसके पोते दुष्यंत चौटाला से विधायक सांसद , हिसार से लोकसभा है।
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शिक्षा
औमप्रकाश चौटाला ने 82 साल की उम्र में तिहाड़ जेल में 12वी. की परीक्षा फस्टडिवीजन से पास की।और अब वे ग्रेजुएशन की तैयारी कर रहे है। उन्होने नेशनल इंस्टीच्युट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 12वी. की परीक्षा पास की।
करियर
हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में चौटाला का पहला कार्यकाल 2 दिसंबर 1989 से 2 मई 1990 तक रहा। दूसरा कार्यकाल मात्र 5 दिन बाद यानी 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक ही रहा।
तीसरे कार्यकाल के रूप में वे 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक वे मुख्यमंत्री पद पर रहे और इसके बाद पांचवी वह 24 जुलाई 1999 से 4 मार्च 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि राजनीतिक रुप से वे एनडीए सरकार का समर्थन करते हैं फिर भी वह कांग्रेस और बीजेपी को देश के लिए अनुपयुक्त पार्टी बताते हैं।
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आरोप और सजा
- 25 नवंबर 2003: सुप्रीम कोर्ट ने जेबीटी घोटाले मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए।
- 12 दिसंबर 2003: सीबीआई ने प्रारंभिक जांच दर्ज की।
- 24 मई 2004: सीबीआई ने आईपीसी व पीसी एक्ट के तहत 62 लोगों के खिलाफ नियमित आधार पर मामला दर्ज किया।
- 16 जनवरी 2013 : निचली अदालत ने चौटाला पिता-पुत्र और 53 अन्य को दोषी ठहराया।
- 22 जनवरी, 2013: चौटाला पिता-पुत्र, संजीव कुमार और सात अन्य को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। मामले में 44 दोषियों को चार साल और एक को पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई।
- 7 फरवरी, 2013: ओ पी चौटाला ने उनकी दोषसिद्धी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
- 11 जुलाई, 2014: उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
- 5 मार्च, 2015: दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। उसने चौटाला पिता-पुत्र और तीन अन्य को 10 वर्ष के कारावास और अन्य 50 दोषियों की सजा में बदलाव करके उन्हें दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई।
- 15 मई 2015- सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान राहत देने से मना किया।