सुधा मूर्ति की जीवनी – Sudha Murthy Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको सुधा मूर्ति की जीवनी – Sudha Murthy Biography Hindi के बारे में बताएंगे।

सुधा मूर्ति की जीवनी – Sudha Murthy Biography Hindi

सुधा मूर्ति की जीवनी
सुधा मूर्ति की जीवनी

Sudha Murthy प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका हैं।

भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) में काम पर रखने वाली पहली महिला इंजीनियर बनीं।

सुधा मूर्ति एक बेहद प्रभावशाली लेखिका भी हैं और उन्होंने आम आदमी की पीड़ाओं को अभिव्यक्ति देते हुए आठ उपन्यास भी लिखे हैं।

इन सभी उपन्यासों में महिला किरदारों को बेहद मजबूत और सिद्धांतों पर अडिग दर्शाया गया है।

जन्म

Sudha Murthyका जन्म 19 अगस्त 1950 में उत्तरी कर्नाटक में शिगांव में हुआ था।

विवाह से पहले उनका नाम सुधा कुलकर्णी था।

उनके पिता का नाम आर. एच. कुलकर्णी तथा उनकी माता का नाम विमला कुलकर्णी था।उनके पति का नाम एन आर नारायणमूर्ति जोकि इन्फोसिस के संस्थापक है।

उनके दो बच्चे है जिनका नाम बेटा रोहन और बेटी अक्षता मूर्ति है।

शिक्षा

उन्होंने बी. वी. बी. कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि ग्रहण की। वे राज्य में प्रथम आई, जिसके लिए उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री से एक रजत पदक प्राप्त हुआ।

1974 में उन्होंने अध्ययन में और भी उन्नति की, जब उन्होंने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस’ से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री ग्रहण की। उन्होंने अपने वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया और ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स ‘से इस उपलब्धि के लिए उन्हें स्वर्ण पदक मिला।

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करियर – सुधा मूर्ति की जीवनी

Sudha Murthy भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) में काम पर रखने वाली पहली महिला इंजीनियर बनीं। मूर्ति पुणे में विकास अभियंता के रूप में कंपनी में शामिल हुई और फिर मुंबई और जमशेदपुर में भी काम किया।

मूर्ति ने टेल्को में “केवल पुरुष” लिंग पूर्वाग्रह की शिकायत करते हुए कंपनी के अध्यक्ष को एक पोस्टकार्ड लिखा था। नतीजतन, उसे एक विशेष साक्षात्कार दिया गया और तुरंत काम पर रखा गया। बाद में वह वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक के रूप में पुणे में वालचंद ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज में शामिल हो गईं।

1996 में उन्होंने Infosys Foundation की शुरुआत की और आज तक Infosys Foundation की ट्रस्टी और बैंगलोर यूनिवर्सिटी के PG सेंटर में विजिटिंग प्रोफेसर हैं। उन्होंने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया। उसने कई किताबें लिखी हैं और प्रकाशित की हैं, जिनमें से दो यात्रा-वृत्तांत, दो तकनीकी पुस्तकें, छह उपन्यास और तीन शिक्षाप्रद पुस्तकें हैं।

उच्च शिक्षा के दो संस्थान एचआर कदीम दीवान बिल्डिंग स्थित आईआईटी कानपुर का कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई) विभाग और नारायण राव मेलगिरी मेमोरियल नेशनल लॉ लाइब्रेरी एनएलएसआईयू दोनों का उद्घाटन इन्फोसिस फाउंडेशन द्वारा किया गया।

प्रकाशित साहित्य

  • अस्तित्व
  • आजीच्या पोतडीतील गोष्टी
  • आयुष्याचे धडे गिरवताना
  • द ओल्ड मॅन अ‍ॅन्ड हिज गॉड (अंग्रेजी)
  • बकुळ
  • गोष्टी माणसांच्ता
  • जेन्टली फॉल्स द बकुला (अंग्रेजी)
  • डॉलर बहू (अंग्रेजी), (मराठी)
  • तीन हजार टाके (मूळ इंग्रजी, ’थ्री थाउजंड स्टिचेस’; मराठी अनुवाद लीना सोहोनी)
  • थैलीभर गोष्टी
  • परिधी (कन्नड)
  • परीघ (मराठी)
  • पितृऋण
  • पुण्यभूमी भारत
  • द मॅजिक ड्रम अ‍ॅन्ड द अदर फेव्हरिट स्टोरीज (अंग्रेजी)
  • महाश्वेता (कन्नड व अंग्रेजी)
  • वाइज अ‍ॅन्ड अदरवाइज (अंग्रेजी), (मराठी)
  • सामान्यांतले असामान्य
  • सुकेशिनी
  • हाउ आय टॉट माय ग्रँडमदर टु रीड अ‍ॅन्ड अदर स्टोरीज (अंग्रेजी)

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योगदान

Sudha Murthy इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और गेट्स फाउंडेशन की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल पहलों की सदस्य हैं। उन्होंने कई अनाथालयों की स्थापना की, ग्रामीण विकास के प्रयासों में भाग लिया, कंप्यूटर और पुस्तकालय सुविधाओं के साथ सभी कर्नाटक के सरकारी स्कूलों को प्रदान करने के आंदोलन का समर्थन किया और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में ‘द मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया’ की स्थापना की।

मूर्ति ने कर्नाटक के सभी स्कूलों में कंप्यूटर और पुस्तकालय की सुविधा शुरू करने के लिए एक साहसिक कदम उठाया और कंप्यूटर विज्ञान पढ़ाया। उसे 1995 में रोटरी क्लब बैंगलोर में “बेस्ट टीचर अवार्ड” मिला। मूर्ति को उनके सामाजिक कार्यों और कन्नड़ और अंग्रेजी में साहित्य में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।

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पुरस्कार – सुधा मूर्ति की जीवनी

  • डॉक्टरेट ऑफ लॉ की उपाधि (2011)
  • Sudha Murthy को भारत सरकार ने 2006 में पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा और सत्यभामा विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद डाक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया।
  • आरके नारायण पुरस्कार (2006)
  • राजा- लक्ष्मी पुरस्कार (2004)
  • वुमन ऑफ द ईयर (2002)
  • मिलेनियम महिला शिरोमणि, कर्नाटक राज्योत्सव, ओजस्वनी पुरस्कार (2000)
  • बेस्ट टीचर पुरस्कार (1995)

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